कोरोना के सबसे अधिक मामले जिन 5 राज्यों में, उन्हें मिली कम ऑक्सीजन

कोरोना के सबसे अधिक मामले जिन 5 राज्यों में, उन्हें मिली कम ऑक्सीजन

देश में कोरोना की दूसरी लहर दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण कर रही है। सरकारी दावों में भले ही स्थिति नियंत्रण होने की तरफ संकेत किया जा रहा है लेकिन जमीनी सच्चाई रूह कंपा देने वाली है। दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में समय पर ऑक्सीजन न मिलने की वजह से मौतें हो रही हैं। इसी बीच इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार देश के कोरोना के सक्रिय मामलों में करीब 54 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले पांच राज्यों को केन्द्र सरकार की तरफ से, 33 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को आवंटित की गई मेडिकल ऑक्सीजन का 42 प्रतिशत हिस्सा ही मिला है। यह जानकारी ताजा सरकारी डेटा के हवाले से दी गई है।

8 मई के आवंटन आदेश पर आधारित डेटा दिखाता है कि केंद्र की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संयुक्त आवंटन 10000 मीट्रिक टन प्रति दिन के आंकड़े को पार कर गया है। 8 मई को 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल आवंटन 10140 मीट्रिक टन था। जबकि 24 अप्रैल को यह आंकड़ा 8280 मीट्रिक टन था। इस लिस्ट में केवल 22 राज्य ही शामिल थे।

महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को कुल आवंटन (10140 मीट्रिक टन) में से 4306 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी। इन राज्यों में 11 मई को देश के कुल 37.15 लाख कोरोना के एक्टिव केस में से 20.12 लाख थे। वहीं 8 मई के आदेश के मुताबिक 5 राज्यों, महाराष्ट्र (1779 मीट्रिक टन), कर्नाटक (1015 मीट्रिक टन), उत्तर प्रदेश (894 मीट्रिक टन), राजस्थान (395 मीट्रिक टन) और केरल (223 मीट्रिक) को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन आवंटित हुई।

गौरतलब है कि केंद्र का आवंटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से निर्धारित मानदंडों के आधार पर होता है और राज्यों की मांग के मुताबिक बदलता है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Amit Singh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.