भारत में किसान तो पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारी, ऐतिहासिक प्रदर्शन में युद्ध के मैदान जैसा नज़ारा

भारत में किसान तो पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारी, ऐतिहासिक प्रदर्शन में युद्ध के मैदान जैसा नज़ारा

कर्मचारियों, मज़दूरों और किसानों का विरोध प्रदर्शन सिर्फ भारत में ही नहीं चल रहा है। बुधवार को पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद में सरकारी कर्मचारियों का विशाल प्रदर्शन हुआ।

लेकिन भारत सरकार जिस तरह किसानों पर लाठी चार्ज, आंसू गैस के गोले और कीलें बिछाकर उनका स्वागत कर रही है, पाकिस्तान सरकार ने भी अपनी तरफ़ से कोई कमी नहीं छोड़ी।

बुधवार को इस्लामाबाद पूरी तरह युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया।  वेतन बढ़ोत्‍तरी की मांग कर रहे कर्मचारियों पर इस्लामबाद पुलिस ने आंसू गैस के इतने गोले दागे कि पूरा प्रदर्शन स्थल धुआं धुआं हो गया।

प्रदर्शन के दौरान का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें प्रदर्शन स्थल पर धुएं में दिखाई तो कुछ नहीं दे रहा लेकिन लाठियां चलने की आवाज़ आ रही है।

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इस प्रदर्शन में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की बेरहमी से पिटाई की। हालत यह हो गई कि पूरा इलाका आंसू गैस के गोले से निकले धुएं से भर गया।

ये प्रदर्शनकारी इस्‍लामाबाद के प्रतिब‍ंधित रेड जोन इलाके में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इस्‍लामाबाद पुलिस ने शहर में घुसने के लिए जरूरी श्रीनगर हाइवे को बंद कर दिया जिसकी वजह से वहां घंटों जाम लग गया।

पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी इस्‍लामाबाद के इतिहास में पहली बार प्रदर्शनकारियों पर इतना हिंसक दमन किया गया।

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अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि इमरान सरकार ने सैलरी को लेकर लापरवाही बरती और इसका नतीजा हुआ कि कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया।

इससे पहले एक विशेष कमिटी बनी जिसमें इमरान खान सरकार के शीर्ष मंत्री शामिल थे। इस कमिटी ने प्रधानमंत्री इमरान खान को चेतावनी दी थी कि जल्‍द से जल्‍द सरकारी कर्मचारियों के वेतन के मुद्दे सुलझाया जाए नहीं तो गंभीर समस्‍या पैदा हो सकती है।

इमरान खान ने लापरवाही बरती और वही हुआ जिसका डर था। इसके बाद लाठी और बंदूकों के दम पर सबको दबाकर रखने वाली पाकिस्तानी सरकार के इशारे पर पुलिस ने इन निहत्थे कर्मचारियों के ऊपर न केवल आंसू गैस के गोले दागे, बल्कि लाठीचार्ज कर खदेड़ने की कोशिश की। बुधवार को पाकिस्तानी सचिवालय के पास इकट्ठा हुए कई कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।

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पूरे इस्लामाबाद की सड़कों पर कर्मचारियों का कब्जा

यह प्रदर्शन राजधानी इस्लामाबाद के सचिवालय ब्लॉक, कैबिनेट ब्लॉक और कॉन्स्टिट्यूशन एवेन्यू सहित कई इलाकों में किए गए। इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब के बाहर भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसमें बलूचिस्तान और पंजाब में तैनात कर्मचारी भी शामिल थे। बाद में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन की ओर मार्च शुरू किया। जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागते हुए लाठियां भांजी।

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इमरान सरकार ने सुरक्षा का हवाला देकर झाड़ा पल्ला

कर्मचारियों के इस्लामाबाद की सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को इमरान सरकार ने देश की सुरक्षा से जोड़ दिया है। सूचना मंत्री शिबली फराज ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान रेड जोन की सुरक्षा और कर्मचारियों के आंदोलन पर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने दावा किया कि इमरान खान ने संबंधित मंत्रालयों को कर्मचारियों के मुद्दों को तुरंत हल करने का निर्देश दिया है।

(एनबीटी की ख़बर के इनपुट के साथ।)

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Workers Unity Team

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