कोरोना की दूसरी लहर को लेकर सख्त पटना हाई कोर्ट, कहा- जरुरत पड़ी तो गैर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को हटाने में देर नहीं करेगा
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से कहा है कि वह गांवों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से हुई मौतों का आंकड़ा दे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार कोरोना की पहली लहर में जो 40 लाख प्रवासी राज्य के गांवों में लौटे थे, उनके बारे में भी बताए।
इसके अलावा बक्सर जिले में गंगा में बहते मिले शवों को लेकर भी सरकार से विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। कोर्ट इसे लेकर अगली सुनवाई 17 मई को करेगा। हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस. कुमार की बेंच ने राज्य सरकार से कहा कि वह बताए कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं।
बेंच ने कहा कि गांवों में क्या इंतजाम किए गए हैं, इसका विशेष रूप से जिक्र हो। इसके अलावा सरकार कोरोना से होने वाली मौतों का जिलेवार आंकड़ा दे। कोर्ट ने कहा, ‘गांवों की ओर विशेष ध्यान देने का मतलब यही है कि वहां कोई भी व्यक्ति कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे। गांवों में विशेषकर अशिक्षित, वंचित लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है।’
कोर्ट के मुताबिक, ‘यह गांवों के मुखिया की जिम्मेदारी है कि वह उनके इलाकों में हो रही मौतों के बारे में 24 घंटे के अंदर सरकार को जानकारी दें।’ कोर्ट ने कहा कि इससे सरकार को मौत का कारण पता करने में मदद मिलेगी और वह महामारी पर नियंत्रण करने के लिए कदम भी उठा सकेगी। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि वह ऐसे जनप्रतिनिधियों को हटाने के लिए निर्देश जारी करने में देर नहीं करेगा, जो अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में फेल साबित हुए हों।
उसने कहा कि ऐसा नहीं है कि कोरोना का वायरस केवल शहरी लोगों पर असर कर रहा है। इसलिए कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए गांवों में टेस्टिंग और आइसोलेशन की सुविधा होनी चाहिए। कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को लेकर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि पहली लहर में लौटे 40 लाख प्रवासी मजदूरों में से कितने लोग हैं जो फिर से राज्य से बाहर गए और अब दूसरी लहर में लौटकर आए हैं ?
उसने पूछा कि जिन इलाकों में प्रवासी मजदूर लौटे है, क्या ऐसे इलाकों में वायरस फैला है और क्या इससे मौतें हो रही हैं ? इस बारे में प्रशासन को पता करना चाहिए।
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