पेगासस कांड के याचिकाकर्ता पत्रकार रुपेश सिंह को पुलिस ने किया गिरफ़्तार, छापेमारी के बहाने आई थी पुलिस

पेगासस कांड के याचिकाकर्ता पत्रकार रुपेश सिंह को पुलिस ने किया गिरफ़्तार, छापेमारी के बहाने आई थी पुलिस

By सीमा आज़ाद

पेगासस जासूसी कांड के याचिकाकर्ता और स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह के बारे में अभी अभी ये पता चला कि पूरे घर की तलाशी के बाद झारखंड पुलिस अब उन्हें गिरफ्तार करके ले गई है।

सुबह जब खरसावा सराय केला के कांड्रा थाने की पुलिस टीम सर्च वारंट लेकर आई थी, तो उनके पर गिरफ्तारी वारंट भी था।

विशद कुमार ने बताया कि गिरफ्तारी वारंट पर मुकदमा संख्या 61/21 दर्ज है, यह 8 महीने पुराना कोई मुकदमा है। जिसके बारे उनमें से किसी को कुछ पता नहीं था।

वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

सुबह साढ़े पांच बजे के लगभग काफी संख्या में पुलिस बल स्वतंत्र पत्रकार रुपेश कुमार सिंह के रामगढ़ स्थित मकान पर आई और सर्च वारंट दिखाकर पूरे घर को एक बजे तक सर्च किया।

सर्च वारंट के मुताबिक सरायकेला-खरसांवा का कांड्रा थाना, केस नंबर- 61/21 जो आठ महीना पहले कोई मामला है।

सुबह साढ़े पांच बजे से दोपहर एक बजे तक पूरे घर का सर्च करने क्रम यह नहीं बताया कि गिरफ्तारी वारंट भी है।

जब जब्ती का सारा समान तैयार कर लिया गया तब आरेस्ट वारंट दिखा कर रूपेश कुमार सिंह को गिरफ्तार कर ले जाया गया है।

उन्होंने यह चालाकी की थी कि गिरफ्तारी वारंट को छिपा लिया, केवल सर्च वारंट दिखाया, ताकि उसी समय से लोग घर पर इकट्ठा न होने लगें। फिर भी उनके परिचित मित्र वहां इकट्ठा हो गए थे।

रूपेश कुमार सिंह पेगासस जासूसी का शिकार हैं और सुप्रीम कोर्ट में दर्ज इस मुकदमे में एक शिकायतकर्ता भी हैं।

वे हमेशा मुखर होकर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लिखते रहते हैं।

पहले भी उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन पुलिस तय समय में चार्ज शीट ही दाखिल नहीं कर सकी इसलिए वे डिफॉल्ट बेल पर बाहर आ गए।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Workers Unity Team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.