सैलरी के मुताबिक पेंशन मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की अलग बेंच करेगी

सैलरी के मुताबिक पेंशन मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की अलग बेंच करेगी
वेतन के अनुसार पेंशन देने के हाईकोर्ट के फ़ैसले पर सुप्रीम कोर्ट की अलग बेंच 25 जनवरी को सुनवाई करेगी

यह फैसला जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने दिया है।

इससे पहले जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिा अनिरूद्ध बोस ने इससे संबंधित याचिकाओं की सुनवाई की थी।

चूंकि वे दोनों अभी भी सुप्रीम कोर्ट में हैं, इसलिए मामले को अब चीफ जस्टिस के विचार के लिए भेजा गया है।

चीफ जस्टिस ही यह तय करेंगे कि बेंच मे किन लोगों के नाम होंगे।

ईपीएफओ पेंशनर्स उम्मीद कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सैलरी के मुताबिक पेंशन के लिए उनके लंबे इंतजार को खत्म करेगा।

इससे पहले केरल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ पेंशनरों के पक्ष में फैसला सुनाया था।

एक अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन योजना की मंथली पेंशन पर केरल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था।

श्रम मंत्रालय ने तब ईपीएफओ की तरफ से दायर रिव्यू पिटीशन के बावजूद हाईकोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ अपील दायर की थी।

12 जुलाई 2019 को, तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करने का आदेश दिया था।

इस बीच, संसदीय स्थायी समिति ने अक्टूबर 2019 में इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा था।
अगर सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ के ख़िलाफ़ हुए केरल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट फैसले को बरकरार रखा तो लाखों पेंशनर्स की पेंशन में भारी इजाफा हो सकता है।
अगर सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले को आगे बढ़ाता है, तो ईपीएफओ में भारी बदलाव हो सकता है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की समीक्षा ईपीएफओ के पीएफ खाते के संबंध में है।
इस संबंध में, श्रम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कैबिनेट समिति को कुछ सुझाव दिए हैं।
इन अधिकारियों का विचार था कि ईपीएफओ को जारी रखने और फंड को ज्यादा प्रासंगिक बनाने के लिए संरचनात्मक परिवर्तन किए जाने की जरूरत है।

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Workers Unity Team

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