इफ़्को की जिस पाइप से अमोनिया रिसाव हुआ, उसे 40 सालों से बदला नहीं गया था
इलाहाबाद के फूलपुर स्थित खाद के इफ्को कारखाने में अमोनिया गैस रिसाव के कारण मारे गए दो कर्मियों वीपी सिंह और अभय नंदन और घायल हुए अन्य कर्मियों के मामले में अब विवाद बढ़ता जा रहा है।
प्रेस को जारी अपने बयान में वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि इफ्कों के प्रबंधन को इस दुघर्टना के कारणों की सच्चाई जनता के सामने लानी चाहिए और इसकी जबाबदेही तय करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इफ्को में कार्यरत हमारे कार्यकर्ताओं और समाचार पत्रों की रपट के अनुसार पिछले एक साल में वहां तीन दुघर्टनाएं हो चुकी है जिसमें डेढ़ दर्जन से ज्यादा श्रमिक बुरी तरह घायल हो चुके हैं।
यहीं नहीं अमोनिया के जिस पाइव में रिसाव हुआ है उसके पम्प को पिछले चालीस सालों से नहीं बदला गया है जबकि नियमतः उसे हर पंद्रह साल में बदलना चाहिए।
इसको बदलने के लिए कहा भी गया था लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इफ्को में सुरक्षा की स्थिति बेहद खराब है खुद निदेशक कारखाना द्वारा वहां इससे पहले भी जांच की गयी थी और सुरक्षा के प्रति बरती जा रही लापरवाही को चिन्हित किया गया था।
यहां तक कि इफ्को प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था बावजूद इसके इस दिशा में सुधार नहीं हुआ।
इसलिए वर्कर्स फ्रंट ने यह मांग की है कि इस तरह की दुघर्टना के कारणों की विस्तृत जांच कराकर उसे जनता के सामने लाना चाहिए और दुघर्टनाओं की रोक के लिए आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए।
यह इसलिए भी जरूरी है कि अमोनिया जैसी खतरनाक गैस का रिसाव यदि बड़े पैमाने पर हो गया तो आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हो जायेगा।
वर्कर्स फ्रंट ने साथ ही यह भी मांग की कि गम्भीर रूप से घायल श्रमिकों को बेहतर इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाया जाए और मृत कर्मियों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।
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