डाक कर्मियों ने निजीकरण के फैसले के विरोध में किया प्रदर्शन

डाक कर्मियों ने निजीकरण के फैसले के विरोध में किया प्रदर्शन

केंद्र की मोदी सरकार लगातार सरकारी कंपनियों का निजीकरण कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि उनकी सरकार आने वाले दिनों में कुछ सीमित संख्या में सरकारी उपक्रमों को छोड़कर बाकी सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है।

वही दुसरी तरफ केंद्रीय कर्मचारियों का निजीकरण (Privatization) और न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) के विरोध में आंदोलन लगातार जारी है।

केंद्रीय कर्मचारी निजीकरण को समाप्त करने और न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं।

जयपुर में झालाना डूंगरी स्थित डाक लेखा विभाग में गुरुवार को केंद्र सरकार कर्मचारी और श्रमिक महासंघ राजस्थान के बैनर तले केंद्रीय कर्मचारी एकजुट हुए कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि ,कर्मचारी हित के लिए सरकार मांगों को पूरा करें।

केंद्रीय श्रमिक संगठनों और केंद्र सरकार कर्मचारी और श्रमिक महासंघ के आव्हान पर केंद्र सरकार के रेलवे, बैंक, बीमा, एयरपोर्ट्स, सार्वजनिक संस्थान, सरकारी संपत्तियों और विभागों के निजीकरण, ठेकाकरण, बेचान, श्रमिक और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।

इसके साथ ही ऑल इंडिया पोस्टल अकाउंट्स एम्पलाइज एसोसिएशन ने मांग की है कि डाक लेखा कार्यालय में सहायक लेखा अधिकारी की विसंगतियों की सीबीआई से जांच करवा कर लिमिटेड डिपार्टमेंटल कॉम्पिटेटिव परीक्षा 2018 निरस्त करके दोबारा से रूल्स बनाकर एग्जाम करवाया जाए।

साथ ही उन्होंने यह भी मांग रखी कि पोस्टल अकाउंट्स ऑफिस का विकेंद्रीकरण करने के प्रस्ताव को समाप्त किया जाना चाहिए।

कर्मचारियों का मानना है कि वरिष्ठ लेखाकार तक के कैडर का पुनर्गठन किया जाना चाहिए। इसके अलावा कर्मचारियों के लंबित रूल- 38 स्थानांतरण के सभी मामलों का निस्तारण शीघ्र किया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार कर्मचारी एवं श्रमिक महासंघ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र मीणा और प्रदेश अध्यक्ष बीएम सुंडा ने बताया कि “केंद्रीय कर्मचारी 10 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया गया है। उसके साथ दी न्यू पेंशन स्कीम को समाप्त कर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की भी मांग की गई है।

कर्मचारियों का कहना है कि ” केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया गया है। डीए की 3 किस्ते ड्यू है, जो भी तुरंत दिया जाए। केंद्र सरकार से अपील है कि कर्मचारियों की मांग पूरी करके राहत प्रदान करें।”

(मेहनतकश की खबर से साभार)

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Abhinav Kumar

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