3 फरवरी को हड़ताल पर रहेंगे देश भर के बिजली कर्मचारी
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने कहा, केंद्र की निजीकरण नीति के खिलाफ देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी 3 फरवरी को हड़ताल पर रहेंगे।
एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने रविवार को एक वर्चुअल कांफ्रेंस के दौरान कहा कि”बिजली (संशोधन) विधेयक अपने वर्तमान स्वरूप में अस्वीकार्य है और सरकार पर दबाव बनाने के लिए हमें हड़ताल का सहारा लेना पड़ रहा है।”
एआईपीईएफ के अध्यक्ष ने कहा जब तक सरकार अपना फैसला रद्द नहीं करती, आंदोलन और तेज होगा क्योंकि सुधारों के नाम पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों ने बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को चिंताजनक वित्तीय संकट में डाल दिया हैं।
दुबे ने बताया कि आगरा, ग्रेटर नोएडा और उड़ीसा में निजीकरण की विफलता के बावजूद सरकार डिस्कॉम से बिना किसी सलाह या फीडबैक लिये आगे बढ़ने चाहती हैं।
उन्होंने बताया कि सुधारों के नाम पर सरकार निजी क्षेत्र के हितों की सेवा कर रही है, धीरे-धीरे देश भर में सार्वजनिक क्षेत्र को नष्ट किया जा रहा है।
एआईपीईएफ की बैठक में ये फैसला लिया गया कि संगठन बिना किसी देरी के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सार्वजनिक क्षेत्र से निजी कंपनियों को बेदखल करने का अभियान चलायेगा और सरकार से मांग करेगा कि वह बिजली संशोधन अधिनियम पर दुबारा विचार करे।
बैठक में महासंघ के पदाधिकारी ने बिजली क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने और सभी अनुबंधित कर्मियों को नियमित करने की भी मांग रखी।
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