डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 144 हड़ताली कर्मचारियों को मिली बड़ी जीत, सभी की हुई कार्यबहाली
डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी यूनियन (सम्बद्ध – ऐक्टू) के हड़ताली कर्मचारियों ने 144 दिनों के कठिन संघर्ष के बाद बड़ी जीत हासिल की है।
अस्पताल प्रबंधन ने सभी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को काम पर वापस ले लिया है।
आप को बता दें कि 1 अप्रैल 2022 को डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल में लगभग 13 – 15 साल से कार्यरत कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को अचानक ही नौकरी से निकाल दिया गया था।
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स्वास्थ्य मंत्रालय और अस्पताल प्रबंधन ने यह काम, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के आदेश का उल्लंघन करते हुए किया था।
केंद्र सरकार के अधीन आनेवाले ज़्यादातर संस्थाओं में प्रबंधन को अब कोर्ट-ट्रिब्यूनल के आदेशों से कोई फर्क नही पड़ता।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का किया था घेराव
डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी यूनियन के सदस्यों का कहना है कि “विपरीत परिस्थितियों में जबरदस्त हिम्मत से काम लेते हुए सभी मज़दूरों को बड़ी जीत मिली है। प्रबंधन ने सभी मज़दूरों को कार्यबहाल करने की सहमति दे दी है। बर्खास्त कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने वो कर दिखाया जो लगभग असंभव था।”
स्वास्थ्य मंत्रालय, श्रम मंत्रालय व अस्पताल प्रबन्धन की तमाम मज़दूर विरोधी नीतियों और दमन के बावजूद बर्खास्त किये गए कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन और कानूनी लड़ाई दोनों को लगातार जारी रखा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का दो-दो बार घेराव किया, जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया और अन्य अस्पतालों के छटनीग्रस्त कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ खड़े भी हुए।
ऐक्टू ने डॉ राम मनोहर लोहिया कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी यूनियन के सभी कर्मचारियों को जीत की बधाई दी है। उनका कहना है कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के तमाम मुद्दों पर लड़ाई को तेज़ किया जाना चाहिए।
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