चार साल पहले उना में दलितों को नंगा करके पीटने वाले 4 आरोपी रिहा
गुजरात उच्च न्यायालय ने 2016 ऊना कोड़े मारने के मामले में चार प्रमुख आरोपियों को सोमवार को नियमित जमानत दे दी है। 11 जुलाई 2016 को गुजरात के उना में कुछ दलित युवकों को गौ रक्षक समिति का सदस्य बताने वाले लोगों ने सड़क पर बुरी तरह पीटा था।
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सोमवार को हाईकोर्ट के जस्टिस निखिल कारियेल ने इन चार मुख्य आरोपियों को अंतरिम जमानत दी है। इसके साथ ही इन सभी पर गिर सोमनाथ जिले में घुसने पर पाबंदी भी लगा दी गई है।
आरोपी रमेश जाधव, प्रमोद गिरी गोस्वामी, बलवंत गिरी गोस्वामी और राकेश जोशी को सिर्फ कोर्ट की सुनवाई के लिए ही जिले में घुसने की इजाजत मिली है।
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Una Dalit flogging case: Didn’t know victims ‘were not minority people’, accused tells HC https://t.co/51byebEoDs
— Ved Nayak (@catcheronthesly) July 18, 2022
अदालत ने राज्य के कानून विभाग के सचिव को नोटिस जारी किया है। अदालत ने सचिव को निर्देश दिया है कि ट्रायल के निष्कर्षों को लेकर वो 5 अगस्त तक अदालत को सूचित करें।
बता दें कि इस घटना का जो वीडियो वायरल हुआ था उसमें नजर आ रहा था कि पीड़ितों को एक गाड़ी से बांधा गया था। उनपर गाय की चमड़ी निकालने का आरोप लगाते हुए उनके साथ मारपीट की गई थी।
जिसके बाद उना पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।
आरोपियों को जमानत देते वक्त अदालत ने यह पाया है कि आरोपियों ने जेल में 6 साल गुजारे हैं। यह अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मिलने वाली ज्यादा से ज्यादा 5 साल की जेल से ज्यादा का वक्त है। इसके अलावा हत्या की कोशिश यानी धारा 307 के तहत अधिकतम होने वाली 10 साल की सजा के आधे से ज्यादा वक्त इन लोगों ने जेल में गुजारा है।
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