TATA के iPhone प्लांट में 45,000 महिला मज़दूरों को मिलेगा रोज़गार
टाटा समूह दक्षिणी भारत में अपने इलेक्ट्रॉनिक्स कारखाने में महिला वर्कर्स की संख्या बढ़ा की तैयारी कर रहा है।
तमिलनाडु के होसुर प्लांट में पहले से ही हजारों महिला कर्मचारी आईफोन (iphone) के पार्ट्स बनाने का काम कर रही हैं। इसमें iPhone के पार्ट्स जैसे केस शामिल हैं।
अब अगले 18 से 24 महीनों के अंदर प्लांट को 45,000 से अधिक नए वर्कर्स के साथ नई प्रोडक्शन लाइनें एस्टेब्लिश करने के लिए कहा जा रहा है।
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टाटा ग्रुप तमिलनाडु के होसुर में स्थित अपने प्लांट में नई प्रोडक्शन लाइन शुरू करने की तैयारी कर रहा है। कंपनी 2 साल के अंदर 45 हजार कर्मचारियों की भर्ती करेगी, इस प्लांट में आईफोन के लिए केस बनाए जाते हैं जिससे डिवाइस सेफ रहता हैं। फिलहाल इस समय 10 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं।
महामारी के बाद भारत में बड़ा प्रोडक्शन
Tata Group विस्ट्रॉन के साथ एक और प्लांट लगाने के लिए काम कर रहा है। जहां iphone को असेंबल किया जा सके। फिलहाल फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन जो आईफोन के लिए पार्ट्स बनाते हैं, अब भारत में उनका प्रोडक्शन बढ़ रहा हैं। कोरोना के बाद कंपनियां भारत में प्रोडक्शन बढ़ाने पर फोकस कर रही हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक कैलिफ़ोर्निया की दिग्गज कंपनी अब चीन से परे अपने प्रोडक्शन और मैन्युफैक्चर का विस्तार करने की कोशिश कर रही है, और भारत उन प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, जहाँ वह अपने प्रोडक्शन को ले जाने की योजना बना रहा है।
अच्छा वेतन
गौरतलब है कि तमिलनाडु में एक प्लांट है जो केसिंग जैसे iphone के कंपोनेंट बनाता है। यह प्लांट 500 एकड़ जमीन में फैला हुआ है और टाटा ने स्वदेशी आदिवासी समुदायों (Indigenous Tribal Communities) के साथ कई क्षेत्रों की लगभग 5,000 महिलाओं को काम पर रखा है।
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ज्यादा महिला वर्कर्स के साथ, टाटा जैसी भारतीय कंपनियां एम्पलाई की संख्या में देश के जेंडर इक्वालिटी में सुधार करती दिखाई दे रही हैं। तमिलनाडु फैक्ट्री में महिला वर्कर्स को 16,000 रुपये से अधिक का वेतन मिलता है, जो भारत में उन एम्पलाई के लिए बिजनेस के औसत से 40 प्रतिशत अधिक है जो असेंबली के लिए हाथ या डिवाइस का यूज करते हैं।
कारखाने के कर्मचारियों को एजुकेशन और ट्रेनिंग देने की योजना के साथ मुफ्त भोजन और आवास दिया जाता है।
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