फ़्रांस से आई आवाज़- ‘अमीरों, ख़बरदार! गरीब विद्रोह शुरू कर चुके हैं’
फ्रांस की जनता बगावत पर है। पूरे देश में येलो वेस्ट (पीला जैकेट) प्रदर्शन के आगे सरकार ने घुटने टेक दिए हैं।
पेरिस की सड़कें क्रांतिकारी नारों से पट चुकी हैं।
बागी जनता ने सरकारी कार्यालयों, इमारतों और घरों की दीवारों पर बगावत वाले नारे लिखे हैं।
17 नवंबर से हर सप्ताहांत होने वाले इस विद्रोह की ख़बरों को पूरी दुनिया में दिखाने पर बैन है।
लेकिन सोशल मीडिया से वहां की तस्वीरें, वीडियो और ख़बरें छन छन कर हमारे यहां भी पहुंच रही हैं।
बग़दादी और किम जोंग उन पर घंटों कार्यक्रम दिखाने वाले भारतीय टीवी चैनलों को जैसे सांप सूंघ गया है।
यही हाल पूरी दुनिया के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का है।
मैक्रों इस्तीफ़ा दो नारे वाला प्लेकार्ड लिए एक प्रदर्शनकारी की तस्वीर को फ्रांस के सबसे तेज़ चैनल ‘फ्रांस3’ ने जब इस्तेमाल किया तो फ़ोटोशॉप कर इसमें इस्तीफ़ा शब्द को मिटा दिया गया।
सोशल मीडिया पर हंगामा मचने के बाद इस कथित प्रतिष्ठित चैनल ने माफ़ी मांगी और कहा कि ‘ऐसी ग़लती दोबारा नहीं होगी।’
दुनिया भर की सरकारें अपने यहां जनक्रांति से डरी हुई हैं।
पूरे यूरोप की पूंजीवादी सरकारें दहशतज़दा हैं। बेल्जियम, कनाडा, नीदरलैंड्स, पोर्टलैंड, स्वीडन में येलो वेस्ट आंदोलन फैल गया है।
ब्रिटेन में ब्रेक्ज़िट का शिगूफ़ा छोड़ा जा रहा है, ताकि जनता का ध्यान बंटा रहे।
तुर्की में पीली जैकेट पहनने पर पाबंदी ही लगा दी गई और पहली गिरफ्तारी एक वकील की हुई, 15 दिनों की जेल।
अब तो पूंजीवादी अर्थशास्त्रियों ने चेताना शुरू कर दिया है कि अगर अमीरी ग़रीबी का खाई इसी तरह बढ़ता रहा तो अशांति को कोई नहीं रोक सकता।
कुछ नारे जो पेरिस की दीवारों पर पोत दिए गए हैं, उनकी झलकियां आप भी देखें-
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