जंतर मंतर पर देश भर से आईं हज़ारों आंगनवाड़ी वर्कर्स, संसद सत्र के दौरान चार दिवसीय महापड़ाव
By शशिकला सिंह
नई दिल्ली जंतर- मंतर पर आंगनवाड़ी कर्मियों ने चार दिवसीय आंगनवाड़ी अधिकार महापड़ाव अगले दो दिन तक जारी रहेगा।
देश के विभिन्न राज्यों केरल, कर्नाटक, जम्मू- कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश कई अन्य राज्यों से आई हज़ारों आंगनवाड़ी महिला कर्मियों ने अपना योगदान दिया।
वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मज़दूर के रूप में मान्यता, न्यूनतम वेतन का अधिकार, पेंशन, सामाजिक सुरक्षा और ट्रेड यूनियन अधिकार जैसी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है।
अखिल भारतीय आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स फेडरेशन और CITU के बैनर तले इस प्रदर्शन का आवाह्न किया गया है। हरियाणा की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मंच से मोदी सरकार विरोधी गीत गाये।
अखिल भारतीय आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स फेडरेशन की सदस्य उषा ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि प्रदर्शन के दूसरे दिन भी केंद्र और राज्य सरकार का एक भी प्रतिनिधि नहीं आया है।
उनका कहना है कि अपने हक अधिकारियों को हासिल करने के लिए देश के कोने-कोने से आई हज़ारों आंगनवाड़ी कर्मियों 29 जुलाई तक जंतर मंतर पर महापड़ाव जारी रखेंगी।
जंतर मंतर पर आंगनबाड़ी कर्मियों का चार दिवसीय अधिकार महापड़ाव शुरू
क्यूं दिल्ली के आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन ने महिला एवं बाल विकास विभाग मुख्यालय का किया घेराव?
उन्होंने कहा कि कुपोषण को मिटाने के लिए जिन आंगनवाड़ी कर्मियों से पूरा काम सरकारें लेती हैं लेकिन उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं देती हैं। वेतन के नाम पर कुछ मानदेय दिया जाता है जो नाकाफी है।
महापड़ाव को सम्बोधित करते हुए सीटू के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड तपन सेन, सीटू दिल्ली एनसीआर राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र गौड, महासचिव अनुराग सक्सेना, आंगनवाड़ी कर्मियों की राष्ट्रीय नेता ए आर सिंधु सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित करते हुए केंद्र व प्रदेश सरकारो की श्रमिक विरोधी नीतियों को रेखांकित किया।
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)