ऐप कर्मचारी यूनियन की दिल्ली में आम सभा, यूनियन ने जारी किया मांगों का चार्टर
ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने दिल्ली के शकरपुर में मंगलवार को आम सभा की बैठक की. इसमें दिल्ली के सभी हिस्सों से स्विगी, ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, पोर्टर और अन्य कंपनियों में काम करने वाले राइडर्स ने भाग लिया.
यह बैठक दिल्ली भर में महीनों के जागरूकता अभियान और सदस्यता अभियान के बाद आयोजित की गई थी, जिसके दौरान बड़ी संख्या में ऐप कर्मचारी यूनियन में शामिल हुए.
जागरूकता अभियान में ऐप श्रमिकों को ‘पार्टनर’ के बजाय श्रमिकों के रूप में मान्यता देने और न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा और यूनियन बनाने के उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया.
सदस्यता अभियान को 2024 की शुरुआत में दक्षिण क्षेत्र में ब्लिंकिट कर्मचारियों के विरोध के दौरान यूनियन के सक्रिय समर्थन से भी काफी प्रोत्साहन मिला.
ऐप कर्मचारी एकता यूनियन की अध्यक्षा अपूर्वा शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि ‘श्रमिकों की एकता में ही ताकत है और यह ताकत सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि यूनियन दिल्ली के सभी हिस्सों में बढ़े.
इस दौरान राइडर्स सभी क्षेत्रों और कंपनियों के श्रमिकों के बीच सक्रिय रूप से एकता बनाने की आवश्यकता पर सहमत हुए.
इस बैठक के दौरान कई राइडर ने अपनी अपनी बात रखीं.अनिल कुमार ने कहा कि ‘रेट प्रति ऑर्डर प्रणाली बंद होनी चाहिए. एक निश्चित और नियमित वेतन होना चाहिए, साप्ताहिक छुट्टियों के साथ काम की रोस्टर प्रणाली होनी चाहिए.
बैठक में संतोष राय ने ऐप कर्मियों से अधिकारों के लिए उग्र आंदोलन खड़ा करने की अपील की. वहीं सुचेता डे ने समाज में असमानता के बढ़ते स्तर को चुनौती देने के लिए ऐप कर्मचारियों से एक मजबूत श्रमिक आंदोलन की आवश्यकता की अपील की.
ऐप कर्मचारी एकता यूनियन की आम सभा बैठक अपनी मांगों के चार्टर को दोहराने और एक यूनियन काउंसिल के चुनाव के साथ समाप्त हुई. नई परिषद ने घोषणा की कि संघ अब अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों दोनों के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा.
मांगों का चार्टर:
1. सभी ऐप कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारी घोषित किया जाए. केंद्र और राज्य सरकारों को इस संबंध में आवश्यक
कानून बनाना चाहिए.
2. सभी ऐप कर्मचारियों के लिए 8 घंटे का कार्यदिवस और न्यूनतम वेतन रु० 26,000 प्रति माह सुनिश्चित किया जाए.
3. सभी ऐप कंपनियों को न्यूनतम 20 प्रतिशत बोनस देना होगा.
4. सभी ऐप कर्मचारियों को पी.एफ., ई.एस.आई. और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलना चाहिए. उन्हें पेट्रोल और
ईंधन की कीमतों में महंगाई के अनुरूप महंगाई भत्ता दिया जाना चाहिए.
5. ऐप कर्मचारी के घायल होने पर 50 लाख रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए और ऐप कर्मचारियों की मृत्यु के
मामले में 1 करोड़ रूपए का मुआवजा दिया जाए.
6. ऐप कंपनियों को अवैध छंटनी तुरंत रोकनी होगी.
( प्रेस रिलीज के आधार पर)
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