वर्करों की भारी कमी से जूझ रहा ऑस्ट्रेलिया, वीजा नियमों में भारी छूट की पेशकश

वर्करों की भारी कमी से जूझ रहा ऑस्ट्रेलिया, वीजा नियमों में भारी छूट की पेशकश

कोरोना महामारी के बाद से ऑस्ट्रेलिया लगातार वर्करों की भारी कमी से जूझ रहा हैं। देश में प्रवासी मज़दूरों के रोज़गार देने के लिए आप ऑस्ट्रेलिया सरकार ने अपने वीज़ा में भारी छूट देनी शुरू कर दी है।

ओईसीडी के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में दुनिया में दूसरी सबसे गंभीर रोज़गार की कमी है, जो कनाडा के बाद दूसरे स्थान पर है।

ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स द्वारा जुलाई में जारी गए आंकड़ों से पता चला है कि देश में बेरोजगार लोगों की तरह ही नौकरियां रिक्ति थीं।

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इसे ठीक करने के लिए, और मज़दूरों की कमी को दूर करने के लिए अब ऑस्ट्रेलिया ने कई कुशल वीज़ा श्रेणियों के लिए कोटा बढ़ा दिया है।

इकनोमिक टाइम्स से मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त में 2022-23 प्रवासन कार्यक्रम घोषणा की है जिसमें, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कई कुशल वीज़ा प्रकारों के लिए कोटा बढ़ा दिया है। इस वित्तीय वर्ष में 109,900 कुशल ऑस्ट्रेलियाई वीज़ा जारी करने की योजना है।

इनमें से सबसे प्रतिष्ठित, पॉइंट-आधारित स्किल्ड इंडिपेंडेंट वीज़ा धारक को ऑस्ट्रेलिया के किसी भी हिस्से में रहने और काम करने देता है।

स्टेट नॉमिनेटेड (सबक्लास 190) वीज़ा का मतलब है कि जिस समय आप देश में उतरते हैं, उसी समय से आपको ऑस्ट्रेलियाई स्थायी निवास मिलता है। आपको उस राज्य में रहने और काम करने की आवश्यकता होगी जिसने आपको कम से कम दो साल के लिए नामांकित किया हो। इसके बाद आप जहां चाहें वहां जा सकते हैं।

गौरतलब है कि अमेरिका में इस साल हर महीने 40 लाख से अधिक लोगों ने नौकरी छोड़ी है। नए शोध रिपोर्ट का कहना है कि कर्मचारियों में नौकरी छोड़ने का यह रिकॉर्डतोड़ चलन जल्द रुकता हुआ नहीं दिखता है।

कुछ महीनों पहले McKinsey and Co में प्रकाशित एक रिपोर्ट में पाया गया की लगभग 40 फीसदी अमेरिकी कर्मचारी अगले 3 से 6 महीनों में अपनी नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।

McKinsey and Co ने छह देशों के 2,800 से अधिक लोगों से भी बात कर ये जानने की कोशिश भी की कि पिछले दो वर्षों में अपनी फुल-टाइम नौकरी छोड़ दी है, वो कर्मचारी कहा गए हैं।

इन छह देशों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सिंगापुर, भारत और इंग्लैंड शामिल हैं।

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WU Team

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