मानेसर : बेलसोनिका यूनियन ने नए लेबर कोड के विरोध में 4 सितम्बर को विशाल बैठक का किया ऐलान
हरियाणा के आईएमटी मानेसर स्थित मारुति सुज़ुकी की कंपोनेंट मेकर बेलसोनिका प्रा. लि. कंपनी की बेलसोनिका यूनियन ने नए लेबर कोड के विरोध में 4 सितम्बर को एक विशाल बैठक करने की घोषणा की है।
यह बैठक आगामी रविवार को सुबह 10 बजे गुड़गांव में डी.सी. कार्यालय के सामने आयोजित की जाएगी।
बैठक के माध्यम से बेलसोनिका यूनियन चार घोर मजदूर विरोधी लेबर कोड्स के मुद्दे पर मज़दूरों को जागरूक करना चाहती है।
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यूनियन के सदस्यों का कहना है कि पूंजीपति वर्ग द्वारा मजदूर वर्ग पर लगातार हमले जारी है। मोदी सरकार ने मजदूरों के 44 केन्द्रीय श्रम कानूनों को खत्म कर चार श्रम संहिताओं में समेट दिया है। इन श्रम सहिताओं के लागू होने के बाद मजदूरों को 100 साल पीछे की अधिकारविहीनता की स्थिति में धकेल दिया जाएगा।
उनका कहना है कि श्रम सहिताओं की नियमावली बनकर तैयार हो चुकी है और मोदी सरकार आनन-फानन में लेबर कोड्स को लागू करने को उतारू है। पूंजीपति वर्ग ने इन श्रम संहिताओं को व्यवहार में लागू करना शुरू भी कर दिया है। कम्पनी मालिकों द्वारा लगातार यूनियनों पर हमले किये जा रहे है।
नहीं रुक रहीं छटनियां
बेलसोनिका यूनियन के घोषणा पत्र से मिली जानकारी के मुताबिक बड़े पैमाने पर स्थाई व अस्थाई मजदूरों की छंटनियां की जा रही है। रिको धारूहेड़ा प्रबंधन ने कोरोना काल के दौरान लगभग 119 स्थाई मजदूरों को फैक्ट्री से निकाल दिया। बर्खास्त मजदूर पिछले 2 सालों से अपनी कार्यबहाली को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इसी तरीके से आगे बताया गया है कि मानेसर स्थित नपीनो फैक्ट्री के प्रबंधन ने 271 स्थाई मज़दूरों को बाहर का रास्ता दिखाने की पूरी कोशिश है।
आप को बता दें कि यूनियन व गैर यूनियन वाली फैक्ट्रियों में प्रबंधन द्वारा छंटनी व तालाबंदी की प्रक्रिया अभी भी जारी है। नए लेबर कोड के पारित होने के बाद से ही हर फैक्ट्री प्रबंधन मज़दूरों पर लगातार अत्याचार कर रहे हैं ।
स्थाई काम पर स्थाई रोजगार के कानूनी प्रावधान को लागू करने की बजाय प्रबंधन स्थाई काम पर लगे मजदूरों की छटनी व वी.आर.एस. के माध्यम से मजदूरों को फैक्ट्री से निकाल उनके स्थान पर नीम ट्रेनी, फिक्स टर्म इम्प्लायमेंट, अप्रेन्टिस व ठेके के मजदूर आदि की भर्ती की जा रही है।
लम्बे समय से ठेके की नौकरी कर रहे मज़दूरों को स्थाई करना तो दूर बल्कि उन्हें काम कम होने का बहाना लेकर बाहर निकाला जा रहा है।
‘श्रम की खुली लूट कर रहा है प्रबंधन’
बेलसोनिका यूनियन का आरोप है कि “हमारी कम्पनी का प्रबंधन भी स्थाई मज़दूरों की छंटनी कर उनके स्थान पर अस्थाई मज़दूरों , नीम ट्रेनी, फिक्स टर्म इम्प्लायमेंट, अप्रेन्टिस व छः माह के लिए भर्ती किए गए ठेका मज़दूरों को भर्ती कर श्रम की खुली लूट करना चाहता है।”
बेलसोनिका यूनियन ने गुड़गांव ओद्यौगिक इलाके में स्थित फैक्ट्री यूनियनों के पदाधिकारियों और सदस्यों से बैठक में भारी संख्या में पहुंचने का आग्रह किया है।
गौरतलब है देशभर की मज़दूर यूनियनें अपने स्तर कर नए चार लेबर कॉड का विरोध कर रहीं हैं। अभी बीते रविवार को मासा ने दिल्ली में मज़दूर कन्वेंशन का आयोजन किया था। कन्वेंशन में 13 नवम्बर को राजधानी दिल्ली के राष्ट्रपति भवन कूच करने के लिए मेहनतकश आवाम का आह्वान किया गया है।
(स्टोरी संपादित – शशिकला सिंह)
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