मानेसर में मजदूर किसान पंचायत बुलाने की योजना, बेलसोनिका यूनियन ने लिखी सयुक्त किसान मोर्चा को चिट्ठी
By शशिकला सिंह
मानेसर स्थित बेलसोनिका मज़दूर यूनियन के सदस्यों ने अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री के सामने लाने के लिए सयुक्त किसान मोर्चा से एक विशाल बैठक की अपील की है।
यूनियन के सदस्यों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा यूनियन पर किए जा रहे हमलों के विरोध में मानेसर में सयुंक्त मजदूर किसान पंचायत का आयोजन किया जाना चाहिए।
इस संबंधन में यूनियन ने सयुक्त किसान मोर्चा से एक पत्र के माध्यम से अपील की है। पत्र में यूनियन की तरफ से मजदूर किसान पंचायत की प्रस्तावित तारीख 13 अक्तूबर 2022 रखी गयी है।
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बेलसोनिका यूनियन के सदस्यों का कहना है कि “उदारीकरण नीतियों के पिछले लगभग 3 दशक के इतिहास में मजदूर-किसान मेहनतकश जनता के जीवन को नरकीय बना दिया है। इन्हीं उदारीकरण नीतियों का परिणाम है कि खेती को भी मोदी सरकार बड़े कारपोरेटो के हवाले सौंपना चाहती है।
यूनियन का आरोप है कि केवल यही नहीं मोदी सरकार रेल, बैंक, बीमा, कोयला खाद्यान, सडक, बिजली, भारत पेट्रोलियम, हवाई जहाज आदि सार्वजनिक उद्यमों को बड़े बड़े कारपोरेटो के सुपुर्द करने पर आमादा है। इससे भी आगे बढकर “अग्निपथ योजना” के नाम पर स्थाई नौकरियों को छीन कर नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
लेबर कोड को बताया मज़दूर विरोधी
साथ ही उनका कहना है कि उसी क्रम में मजदूरों के 44 केन्द्रीय श्रम कानूनों को खत्म कर 04 लेबर कोड को लागू कर मजदूरों की स्थाई नौकरियों पर हमले के साथ साथ यूनियन बनाने के अधिकार, हड़ताल के अधिकार, मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा आदि पर हमला किया जा रहा है। आजाद भारत में मजदूरों पर मोदी सरकार का सबसे बड़ा हमला है।”
बेलसोनिका यूनियन के प्रधान मोहिंदर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि ” विगत एक साल से कम्पनी प्रबंधन शासन-प्रशासन से मिलीभगत कर यूनियन पर एक के बाद एक हमले बोल रहा है। हमारी यूनियन को खत्म करने तथा मजदूरों को प्रताड़ित करने के लिए मई-जून की गर्मी में एयर वॉशर (पंखे) बंद कर देना, कैंटीन में आए दिन खाने में कॉकरोच कीड़े आदि पाए जाना नींबू पानी बंद कर देना, फर्जी दस्तावेजो के नाम पर झूठी घरेलू जांच कार्यवाही कराकर मजदूरों की छंटनी करना आदि कार्यवाहियां कम्पनी प्रबंधन द्वारा की जा रही है।
इससे पूर्व ठेका मजदूरों के लिए वी. आर. एस. लाना जबकि नीम, डी. ई. टी., नए छः माह के लिए भर्ती किए गए ठेका मजदूरों की भर्ती लगातार की जा रही है। प्रबंधन की उपरोक्त गतिविधियां मजदूरों की छंटनी करने की नीयत से की जा रही है। मजदूरों को परेशान करने के लिए उनके बस स्टॉप बदलकर पानी से गुजरने को मजबूर किया जा रहा है।”
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यूनियन के महा सचिव अजित का कहना है कि “हमारी यूनियन काफी संघर्षो के बाद अस्तित्व में आई। हमने केवल अपने समूह के लिए लड़ने के साथ साथ तमाम सामाजिक मुद्दों, सी.ए.ए. एन.आर.सी. के खिलाफ आंदोलन हो या फिर केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद हो या छात्रों पर दमन हो या फिर किसान आंदोलन पर दमन हो, मंदी-बेरोजगारी आदि पर भी आर्थिक मदद व जन कार्यवाहियां की है।
उन्होंने बताया कि “हमारा कर्तव्य था कि पूरे किसान तथा मजदूर वर्ग के लिए संघर्ष कर रहे सयुंक्त किसान मोर्चा के आंदोलन में हम मज़दूरों ने बढ़-चढ़ कर अपनी क्षमताभर योगदान किया। मजदूर विरोधी लेबर कोड तथा किसान विरोधी 3 कृषि कानूनों के विरोध में यूनियन द्वारा 14 नवम्बर 2021 को मजदूर किसान पंचायत भी आयोजित की थी। अन्य मजदूर यूनियनों को किसान आंदोलन के समर्थन के लिए प्रेरित भी किया। यह सब प्रबंधन व प्रशासन के लिए नागवार गुजर रहा है। वर्तमान में प्रबंधन व प्रशासन यूनियन के खिलाफ एकजुट है। यूनियन लगातार अपने मुद्दों के लिए संघर्ष कर रही है।”
गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से प्रबंधन यूनियन पर लगातार झूठे आरोप लगा कर मज़दूरों को बर्खास्त करती जा रही है। प्रबंधन ने कल ही सात नीम ट्रेनीज को सैलरी की समय पर आने की वजह पूछने के लिए सभी मज़दूरों पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा कर बर्खास्त कर दिया है।
वहीं यूनियन के सदस्यों का कहना है कि जब बेलसोनिका यूनियन ने इन मज़दूरों के निकालने का प्रबंधन से कारण पूछा तो प्रबंधन ने कहा कि आप इन मज़दूरों के बारे में नही पूछ सकते क्योंकि ये आपकी यूनियन के मेंबर नहीं हैं। यूनियन ने प्रबंधन को कहा कि यूनियन इसलिए इनकी आवाज़ उठा रही है क्योंकि यह सभी मज़दूर हमारे साथ फैक्ट्री में काम करते हैं। इसलिए इनकी सुरक्षा भी हमारा काम है।
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