बजट 2024 :- यूजीसी के बजट में 61 प्रतिशत की कटौती, आईआईएम और आईआईटी के बजट में भी की गई कमी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गए बजट में यूजीसी के लिए फंडिंग को पिछले वर्ष के 6409 करोड़ रुपये से घटाकर 2500 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो 60.99 प्रतिशत की गिरावट है.
इसके साथ ही आईआईएम के आवंटन में भी लगातार दूसरे वर्ष कटौती जारी रही.
केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) के बजट में कटौती की है.
अंतरिम बजट में स्कूली शिक्षा के आवंटन में वृद्धि हुई है, लेकिन उच्च शिक्षा के लिए कटौती हुई है।
यूजीसी का आवंटन घटकर 2500 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि आईआईटी संस्थानों का आवंटन 10324.50 करोड़ और आईएमएम का आवंटन घटाकर 212.21 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
इसके साथ ही लगातार दूसरे वर्ष आईएमएम के आवंटन में भी कटौती की गई है. आईआईएम संस्थानों का आवंटन घटाकर 212.21 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि पिछले साल इसका संशोधित अनुमान 331 करोड़ रुपये था. वहीं, आईआईटी का अनुदान 10,384.21 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 10324.50 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
यूजीसी के लिए फंडिंग को पिछले वर्ष के 6409 करोड़ रुपये से घटाकर 2500 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो 60.99 प्रतिशत की गिरावट है.
पिछले साल, शिक्षा मंत्रालय का बजट आवंटन 1.12 लाख करोड़ रुपये से मामूली 8 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2022-23 में 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
आईआईटी के बजट में भी गिरावट देखी गई है
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के बजट में भी पिछले साल के मुकाबले गिरावट देखी गई है. शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों को अनुदान 10,384.21 करोड़ रुपये से घटकर 10324.50 रुपये कर दिया गया है.
वित्त मंत्री द्वारा ने अपने बजटीय भाषण के दौरान कहा था कि ‘देश की समृद्धि युवाओं को पर्याप्त रूप से सक्षम और सशक्त बनाने पर निर्भर करती है’.
ऐसे में उनके द्वारा कही गई बातों और बजटीय आवंटन में साफ़ विरोधाभाष देखने को मिल रहा है.
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