गुड़गांव में असंगठित मजदूरों का बनाया जा रहा डेटाबेस, हरियाणा में 52 लाख मजदूरों को ई श्रम कार्ड जारी
गुड़गांव जिला प्रशासन असंगठित मज़दूरों का एक डेटाबेस तैयार कर रहा है। कोरोना महामारी के दौरान हुई परेशनियों का पता लगाया जा सके और कुछ कल्याण नीतियों की पेशकश की जा सके।
अधिकारियों का कहना है कि वे अनौपचारिक क्षेत्र में 16 से 59 वर्ष की आयु के मज़दूरों के पंजीकरण की सुविधा के लिए जिले भर में 46 स्थानों पर अस्थायी केंद्र स्थापित करेंगे।
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जिसमें कृषि मज़दूर से लेकर रेहड़ी-पटरी वाले, स्वयं सहायता समूह के कार्यकर्ता, मध्याह्न भोजन कार्यकर्ता, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, ऑटो चालक और घरेलू कामगार अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
ऐसे मज़दूरों के पंजीकरण करने की प्रक्रिया को पिछले साल शुरू किया गया था। अब तक हरियाणा में 52,20,868 ई-श्रम कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
पंजीकृत मज़दूरों में लगभग 51.67 फीसदी पुरुष हैं जबकि 48.33 फीसदी महिलाएं हैं। इनमें से 64.33 फीसदी 18-40 साल की उम्र के हैं, 23.13 फीसदी 40 से 50 साल के बीच के हैं और बाकी 11.15 फीसदी 50 साल से ऊपर के हैं। वहीं अब तक रजिस्ट्रेशन कराने वालों में 15.75 लाख खेतिहर मजदूर और 12.55 लाख कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं।
पंजीकरण के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स
पंजीकृत मज़दूरों को क्रमशः 2 लाख रुपये और 1 लाख रुपये के दुर्घटना और विकलांगता बीमा कवर भी प्रदान किए जाएंगे। 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर उन्हें प्रति माह 3,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन भी मिलेगी।
इसके अलावा, पंजीकृत मज़दूरों को एक सार्वभौमिक खाता संख्या मिलती है, यदि वे प्रवासी मज़दूरों के लिए लाभकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं या राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी का विकल्प चुनते हैं।
पंजीकरण के लिए, इन सभी मज़दूरों को आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल फोन नंबर की आवश्यकता होती है।
अधिकारियों ने कहा कि डेटाबेस संकट के दौरान मज़दूरों को सरकारी लाभ प्रदान करने और उन्हें ट्रैक करने में मदद करेगा।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में आई खबर के मुताबिक डीसी निशांत यादव ने कहा, “श्रम विभाग असंगठित क्षेत्र के सभी मज़दूरों का डेटाबेस तैयार कर रहा है और इसके लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। पंजीकरण श्रम और रोजगार के असंगठित क्षेत्र के राष्ट्रीय डेटाबेस के सामान्य सेवा केंद्र के माध्यम से किया जाएगा।”
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