प्रदर्शन कर रहे आंगनवाड़ी वर्कर्स से मिलने को तैयार हुए दिल्ली उपराज्यपाल, 16 जुलाई को होगी बैठक
देश की राजधानी दिल्ली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के निलंबन के बाद नौकरी वापस पाने की लड़ाई आज भी जारी है। बुधवार को स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन के बैनर तले दिल्ली के उपराज्यपाल के आवास पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया।
इस दौरान उपराज्यपाल के PA, जी एस बिष्ट से यूनियन के प्रतिनिधिमण्डल की मुलाक़ात हुई और उन्हें ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदर्शन कर रहे संगठन के सदस्यों और आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ताओं के दबाव में आने के बाद आगामी 16 जुलाई को उपराज्यपाल से मुलाक़ात का समय निश्चित किया गया।
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दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन के नेतृत्व में 31 जनवरी 2022 से चली दिल्ली की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल पर 9 मार्च को उपराज्यपाल द्वारा एस्मा (ESMA) कानून लगा दिया गया था।
इसके बाद 884 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ग़ैरक़ानूनी तरीके से निलम्बित कर दिया गया था। साथ ही 11,000 से भी ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस दिये गये थे।
16 जुलाई को दिल्ली की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता फिर से उपराज्यपाल आवास पर ग़ैरक़ानूनी निलम्बन के मसले को लेकर होने वाली वार्ता के लिए इकट्ठा होंगी।
इसके साथ ही इस महीने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन व ज्ञापन के ज़रिए उन्होंने अपना आन्दोलन जारी रखने की भी बात कही है।
दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन से प्रियंवदा ने कहा, “दिल्ली में अपने जायज़ हक़ों के लिए संघर्षरत महिलाकर्मियों के दमन की कार्रवाई में राज्य व केन्द्र सरकार की बराबर की भागीदारी है।”
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“न्यूनतम वेतन, बकाया राशि, पेंशन सुविधाएँ, आंगनवाड़ी केन्द्रों के सुधार इत्यादि की मांग उठाने के लिए दिल्ली की आंगनवाड़ीकर्मियों पर दण्डात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें अन्यायपूर्ण तरीक़े से काम से बाहर निकाल दिया गया।”
निलम्बन से पहले आंगनवाड़ी सहायिका के तौर पर काम करने वाली अनीता ने कहा, “सरकार दमन से आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों की एकता को तोड़ना चाहती है। लेकिन हम अभी हारे नहीं हैं।”
“दिल्ली उच्च न्यायालय में तो मसला चलता ही रहेगा, साथ में हम सड़कों पर भी अपने आन्दोलन को जारी रखेंगे।”
गौरतलब है कि हड़ताल के दौरान और उसके बाद भी दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन ने कई प्रदर्शनों और ज्ञापनों के ज़रिए उपराज्यपाल से मुलाक़ात करने की कोशिश की थी।
अब तक सौंपे गये ज्ञापनों पर उपराज्यपाल की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों के प्रदर्शन के दबाव के कारण उपराज्यपाल के पीए को उनसे मुलाक़ात का निश्चित समय देना पड़ा।
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