AAP: विधायक को हाथ से नाले की सफाई करना पड़ा भारी, अनुसूचित जाति आयोग ने दिल्ली पुलिस को दिया FIR का निर्देश
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने दिल्ली पुलिस को उत्तम नगर से AAP विधायक नरेश बाल्यान के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है।
विधायक पर आरोप है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने हाथ से मैला ढोने की प्रथा पर प्रतिबंध के बावजूद भी नालों की सफाई के लिए सफाई कर्मचारियों से हाथों से माला उठवाया गया है।
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न्यूज़ 18 में प्रकाशित खबर के अनुसार AAP विधायक नरेश बाल्यान ने 29 जून को अपने twitter account पर MCD पर तंज कास था साथ ही मानसून से पहले जल भराव न हो इस लिए नालियों की सफाई के काम की चार तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा की थी। जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सफाई कर्मचारियों से हाथों से माला उठवाया जा रह है।
जिसके बाद NCSC के अध्यक्ष विजय सांपला ने एक बयान में कहा कि “बाल्यान ने मानसून की तैयारियों के तहत नालों और सीवरों की सफाई वाली चार तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों में स्पष्ट है कि नालों की सफाई हाथ से मैला ढोने के तरीके से की गई थी।
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सरकारी नियमों के अनुसार, सीवर और नालियों को इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक मशीनों से साफ किया जाना चाहिए। साथ ही NCSC के अध्यक्ष ने AAP विधायक पर प्रतिबंध के बावजूद नालों की सफाई हाथों से करने के आरोप में विधायक पर केस दर्ज करने की मांग की है।
NCSC के अध्यक्ष सांपला ने ट्वीट करते हुए लिखा, “राजनेताओं को एससी समुदाय का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि हाथ से मैला ढोना और सीवेज/नालियों की हाथ से सफाई करना एक प्रतिबंधित प्रथा है। दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके, मामले की जांच करनी चाहिए और तत्काल कार्रवाई की रिपोर्ट NCSC को सौंपनी चाहिए।”
इस बयान के बाद AAP विधायक रमेश बाल्यान का कहना है कि, “मैनहोल की सफाई मशीन से की गई थी और श्रमिकों ने केवल खुदाई के मलबे को एक वाहन तक पहुंचाया था। सफाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि हाथ से मैला ढोने पर प्रतिबंध है। सफाई मशीन से की गई थी।
श्रमिक मैनहोल के अंदर नहीं गए। वे केवल मैनहोल से निकाली गई सामग्री और ईंटों को ट्रक तक ले गए थे।” उन्होंने कहा कि उन्हें एनसीएससी या दिल्ली पुलिस से कोई नोटिस नहीं मिला है। यदि मिलेगा तो मैं उसका उसी तरह से जवाब दूंगा। रमेश बाल्यान दिल्ली जल बोर्ड के भी सदस्य हैं।
गौरतलब है कि 2010 में आये राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा लगाए गए प्रतिबन्ध के बाद भी हाथों से मैला उठाने के काम पर अभी भी रोक नहीं लगी है। साथ ही पूरे देश में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान हो रही मज़दूरों की मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रही हैं।
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