विदेशी मिडिया को पीएम मोदी के श्रीनगर रैली को कवर करने की नहीं दी गई अनुमति
मीडिया के सूत्रों के मुताबिक विदेशी मीडिया आउटलेट्स के पत्रकारों को गुरुवार को श्रीनगर में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को कवर करने की अनुमति नहीं दी गई.
अनुच्छेद 370 – जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था – को 5 अगस्त, 2019 को निष्क्रिय कर दिए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली यात्रा थी.
न्यूज़लॉन्ड्री की खबर के अनुसार सूचना और जनसंपर्क विभाग को रैली से एक सप्ताह पहले कार्यक्रम को कवर करने के लिए पास के लिए पत्रकारों से 160 आवेदन प्राप्त हुए थे और इनमें से 127 को मंजूरी दे दी गई थी.
जिन लोगों को पास देने से इनकार किया गया उनमें एपी, एएफपी और रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक जैसी समाचार एजेंसियां शामिल थीं.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक सूत्र ने बताया कि “आवेदन प्राप्त होने के बाद, डीआईपीआर ने सत्यापन के लिए पुलिस विभाग [सीआईडी] के साथ विवरण साझा किया. उन्होंने कुल 160 में से 127 नामों को मंजूरी दे दी. किसी भी विदेशी मीडिया आउटलेट को पास नहीं दिया गया है”.
हालांकि जम्मू-कश्मीर डीआईपीआर के निदेशक जतिन किशोर इस बात की पुष्टि नहीं कर सके कि क्या किसी विदेशी मीडिया आउटलेट को प्रवेश से वंचित किया गया था.
उन्होंने कहा “मुझे नहीं लगता कि यह सही है कि विदेशी मीडिया को अनुमति नहीं दी गई. हमें जो पत्रकारों सूची मिली वह पीआईबी द्वारा भेजी गई थी और हमने उसी के अनुसार करवाई की”.
उधर पीआईबी के महानिदेशक मनीष देसाई ने कहा कि ‘पीआईबी (दिल्ली मुख्यालय) सूची तैयार करने में शामिल नहीं था. स्थानीय मीडिया को संबंधित राज्य द्वारा नियंत्रित किया जाता है.”
वही पत्रकारों ने दावा किया कि राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम से जुड़े कार्यक्रमों के लिए पास डीआईपीआर द्वारा जारी किए जाते हैं
विदेशी मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक सार्वजनिक कार्यक्रम ‘विकसित भारत, विकसित जम्मू-कश्मीर’ को संबोधित किया और 6,400 करोड़ रुपये की कृषि और पर्यटन परियोजनाओं की शुरुआत की. अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि ‘अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर खुली हवा में सांस ले रहा है ‘.
मालूम हो कि पत्रकार के रूप में काम करने वाले विदेशी नागरिकों को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर सहित प्रतिबंधित या संरक्षित क्षेत्रों की यात्रा से आठ सप्ताह पहले अनुमति के लिए आवेदन करना पड़ता है.
विदेशी प्रेस के लिए काम करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए ऐसा कोई प्रतिबंध लागू नहीं होता है.
हालांकि पीएम मोदी के कार्यक्रम के लिए विदेशी प्रेस के लिए काम करने वाले भारतीय नागरिकों को भी प्रवेश से वंचित कर दिया गया था.
एक पत्रकार जिनका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया था ने बताया कि ‘ ऐसी स्तिथि में डीआईपीआर मान्यता प्राप्त पत्रकारों का विवरण मांगता है. इस बार भी वैसा ही हुआ. लेकिन उन्होंने विदेशी मीडिया आउटलेट्स के लिए काम करने वालों को छोड़कर सभी को पास दे दिए’.
एक विदेशी मीडिया आउटलेट के वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि ‘उन्हें बताया गया कि विदेशी मीडिया को अनुमति नहीं है. हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बात की और बताया गया कि किसी भी विदेशी मीडिया को कार्यक्रम में प्रवेश की अनुमति नहीं है. विदेशी मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध है’.
उन्होंने कहा कि ‘ यह घटनाक्रम आश्चर्यजनक नहीं है. कश्मीर में होने वाली किसी भी चीज़ तक हमारी पहुंच नहीं है. यह कुछ अप्रत्याशित नहीं है.एक विदेशी मीडिया के रूप में, आप इस तरह के इनकारों के साथ जीना सीख जाते हैं’.
जम्मू-कश्मीर डीआईपीआर के किशोर ने विदेशी प्रेस में भारतीयों पर पूर्ण प्रतिबंध से इनकार किया, लेकिन उन पत्रकारों के नाम साझा नहीं किए जिन्हें अनुमति दी गई थी.
‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मैंने आवेदन क्यों नहीं किया’
एक स्थानीय पत्रकार ने बताया ‘कार्यक्रम से एक दिन पहले, कुछ पत्रकार अपना पास लेने के लिए डीआईपीआर कार्यालय गए. वहां विदेशी मीडिया के लिए काम करने वाले लोग भी मौजूद थे और उन्होंने बताया कि उन्हें अनुमति नहीं दी है’.
सूत्रों ने कहा कि ‘आखिरी बार पत्रकार के रूप में काम करने वाले विदेशी नागरिकों को पिछले साल जी20 बैठक में श्रीनगर जाने की अनुमति दी गई थी.
अनुमति नहीं मिलने के कारण 2019 के बाद से विदेशी पत्रकारों के लिए जम्मू-कश्मीर को कवर करना दुर्लभ हो गया है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने उनमें से कुछ लोगों से बात की जिन्होंने अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया था. उन्होंने बताया ‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मैंने आवेदन क्यों नहीं किया. हमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर जैसे क्षेत्रों की यात्रा से आठ सप्ताह पहले विदेश मंत्रालय को सूचित करना होता है. इसके बाद भी हमें अनुमति नहीं दी जाती’.
बुधवार को तेलंगाना में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ‘उनकी सार्वजनिक सेवा के बारे में मीडिया में अपर्याप्त कवरेज है’.
पीएम पद संभालने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी ने किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित नहीं किया है. 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया लेकिन कोई सवाल नहीं उठाया.
मालूम हो नवीनतम प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 11 स्थान गिरकर 161वें स्थान पर आ गया है.
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