गुजरातः सूरत की केमिकल फैक्ट्री में लगी भीषण आग, 4 वर्कर मरे, 20 घायल
गुजरात के सूरत शहर में रसायन की एक फैक्टरी में भीषण आग लगने से चार मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य बुरी तरह से झुलस गए।
सूरत के प्रभारी मुख्य अग्निशमन अधिकारी बसंत पारिख ने कहा कि शनिवार रात करीब 10.30 बजे सचिन गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) क्षेत्र में स्थित अनुपम रसायन इंडिया लिमिटेड की फैक्टरी में खतरनाक रसायनों से भरे कंटेनर में भीषण विस्फोट के बाद आग लग गई।
सचिन जीआईडीसी थाने के अधिकारियों ने पहले दिन में कहा था कि एक मजदूर की मौत हो गई और तीन अन्य लापता हैं। बाद में उन्होंने घटना में चार लोगों की मौत की पुष्टि की।
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the print से मिली जानकारी के मुताबिक सचिन जीआईडीसी के पुलिस निरीक्षक डी वी बलदानिया ने बताया कि देर रात एक झुलसा हुआ शव बरामद किया गया, जबकि तीन अन्य लापता मजदूरों के शव फैक्टरी परिसर से मिले।
उन्होंने बताया कि आग की चपेट में आने से कम से कम 20 मजदूर झुलस गए और उनका शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
पारिख ने बताया कि सूचना मिलने पर दमकल की 15 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
गुजरात के सूरत में रसायन फैक्टरी में भीषण आग लगने से एक मजदूर की मौत हो गई जबकि 20 अन्य झुलस गए और तीन लोग लापता हैं।शनिवार रात करीब साढ़े 10 बजे जीआईडीसी क्षेत्र में स्थित अनुपम रसायन इंडिया लिमिटेड की फैक्टरी में खतरनाक रसायनों से भरे कंटेनर में भीषण विस्फोट के बाद आग लग गई। pic.twitter.com/Sdt8z3IjX8
— Suryakant (@suryakantvsnl) September 11, 2022
क्या कहना है कम्पनी का
अनुपम रसायन कंपनी ने एक बयान जारी तक घटना को ”दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए कहा कि आग फैक्टरी के एक निर्माण ब्लॉक में लगी थी।
कंपनी ने कहा, ”हमारा एक विशेष जांच दल घटना के असल कारण की पड़ताल में जुटा है। घटना में घायल हुए 20 मजदूरों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है।”
कंपनी ने कहा, ”वर्तमान में हमारी प्राथमिकता हमारे कर्मचारी हैं। एक जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में हम अपने प्रभावित कर्मचारियों और उनके परिजनों का सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
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उसने कहा, ”हम नुकसान का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही फैक्टरी के संचालन के लिए उचित कार्रवाई करेंगे।”
गौरतलब है कि जहां अब कंपनी यह सफाई दे रही है कि प्रबंधन मज़दूरों को प्राथिमिकता देता है। तो कम्पनी के अंदर मज़दूर सुरक्षा के कोई फुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किये गए थे ?
आप को बता दें कि फैक्ट्री में आग घटनाओं से हर साल हज़ारों मज़दूरों कि झुलस कर मौत हो जाती है। इस साल मई के महीने में दिल्ली के मुंडका में भीषण आग की घटना घटी थी जिसमे 27 मज़दूरों में अपनी जान गवां की थी।
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