हल्द्वानी : थारी गांव के पीड़ितों को 8 साल बाद मिला इंसाफ, दोषियों को कोर्ट ने सुनाई सजा
उत्तराखंड के हल्द्वानी में स्थित थारी गांव में गैर कानूनी तरीके से डम्परों को चलाने का विरोध करने पर समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार व उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी के साथ मारपीट के मामले में 9 आरोपियों को 1 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
31 मार्च 2015 को ग्राम थारी में किए गये जानलेवा हमले के मामाले में न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज रामनगर ने 9 अभियुक्तों को भा.द.स की दफा 147,148,323, 341 व 120 का दोषी करार दिया है।
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जज ने प्रीति कौर, करनैल सिंह, जसवीर सिंह, देशराज, शेर सिंह, सुखविंदर सिंह, देवू सिंह, मुन्ना सिंह, व होरी सिंह को 1 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
साथ ही प्रत्येक को 2500 रूपये जुर्माना देने का आदेश भी दिया है। वचन सिंह को 120बी का मुजरिम करार देते हुए उसे 6 माह की कैद और 500 रूपये जुर्माना अदा करने का आदेश दिया गया है।
डम्परों को चलाने का किया था विरोध
आप को बात दें कि 31 मार्च को 2015 को बुक्सा जनजाति बहुल वीरपुर लच्छी गांव में ढिल्लन स्टोन क्रेसर के मालिक सोहन सिंह, डीपी सिंह व उसके गुर्गों द्वारा रामनगर पुलिस-प्रशासन के सहयोग से ग्रामीणों के अपने खेतों पर बने रास्ते पर गैर कानूनी तरीके से डम्परों को चलाने का प्रयास किया जा रहा था। इसका मुनीष कुमार और प्रभात ध्यानी ने मौके पर जाकर विरोध किया था।
जब वह दोनों शाम को गांव से रामनगर लौटते समय उक्त अभियुक्तों समेत 14-15 लोगों ने थारी गांव में प्रभात ध्यानी व मुनीष कुमार की मोटर साईकिल रोककर उन पर लाठी-डंडों से जानलेवा हमला कर दिया था।
मुनीष कुमार का टेबलेट व प्रभात ध्यानी का मोबाईल फोन भी छीन लिया था। दोनों को घायल अवस्था में रामनगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रभात ध्यानी की स्थिति अत्यधिक खराब होने के कारण उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के लिए रैफर कर दिया गया था।
प्रभात ध्यानी व मुनीष कुमार ने न्यायालय के फैसले को संघर्षाें की जीत बताते हुए सभी सहयोगी संगठनों एवं न्यायालय में दमदार पैरवी करने वाले सहायक अभियोजन अधिकारी अशोक कुमार मौर्य और मोहन सिंह रावत का आभार व्यक्त किया है। साथ ही कहा है कि आगे भी संघर्ष जारी रहेगा।
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