उच्च न्यायालय ने इंटरार्क प्रबंधन को फटकारा, जानिए क्या है पूरा मामला
इंटरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर व किच्छा बर्खास्त मज़दूरों ने प्रबंधन द्वारा कंपनी से मशीनों को बाहर शिफ्ट करने के प्रार्थना पत्र पर सोमवार को उच्च न्यायालय नैनीताल में सुनवाई हुई।
तालाबंदी के दौरान मजदूरों के वेतन की वसूली एवं उक्त मामले की सुनवाई हेतु अगली तिथि आगामी 5 सितंबर 2022 को निर्धारित की गई है।
तालाबंदी के दौरान के मजदूरों के वेतन की वसूली को हाईकोर्ट द्वारा जल्दी सुनवाई को नियत करना मजदूरों के लिये राहत भरी खबर है।
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ज्ञात हो कि 16 अगस्त 2021 से इन्टरार्क मजदूर संगठन सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा में मजदूर संगठनों द्वारा अपनी वैधानिक मांगो एवं मजदूर शोषण के विरुद्ध धरना प्रदर्शन जारी है।
कंपनी प्रबंधक ने अभी तक मजदूरों को उनके हक एवं अधिकार के तहत सम्मानजनक समझौता नहीं मिला है जिससे मजदूरों में काफी असंतोष है।
इंक़लाबी मज़दूर केंद्र के फेसबुक पेज से मिली जानकारी के मुताबिक उच्चा न्यायालय ने प्रबंधन को फटकार लगाते हुई कहा है कि उनको जल्द ही मजदूरों यूनियनों के साथ बात कर उनकी समस्यायों का समाधान करना होगा।
इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने मशीनों को बाहर शिफ्ट करना बंद कर दिया है।
मज़दूरों पर झूठा आरोप लगा कर किया बर्खास्त
मज़दूर यूनियन का कहना है कि कंपनी प्रबंधन द्वारा अपनी इसी नियत और साजिश के तहत 63 स्थाई मजदूरों पर झूठे आरोप लगाकर निलंबित कर दिया गया है।
अब तक 95 स्थाई मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त अथवा निलंबित किया जा चुका है।
जिसके बाद से ही कंपनी प्रबंधन प्लांट से मशीनों को शिफ्ट करने की तैयारी करने लगा था।
मज़दूरों का आरोप है कुछ दिनों पहले भी प्रबंधन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह खुद को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऊपर समझकर पुलिस प्रशासन की मदद से कंपनी से मशीनों को बाहर शिफ्ट करने की हरकतें निरन्तर कर रहा है।
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इसके बाद सोमवार को नैनीताल हाइकोर्ट ने एसएसपी महोदय को कंपनी से मशीनों को शिफ्ट न करने को दिये अपने उक्त आदेश की पालना सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
इंटरार्क मजदूर संगठन का आरोप है कि पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त आदेश को ठेंगे पर रखा जा रहा है।
पुलिस अधिकारी पुलिस बल के साथ कंपनी गेट पर आकर इंटरार्क कंपनी प्रबंधन के साथ मिलकर मशीनों को कंपनी से बाहर शिफ्ट कर प्रबंधन की भरपूर मदद कर रहे हैं, जिसे फेसबुक पर शेयर भी किया जाता रहा है।
प्रबंधन कर रहा है मज़दूरों को परेशान
यूनियन ने कहा कि पंतनगर एवं किच्छा प्लांट में मज़दूरों का शोषण एवं उत्पीड़न लगातार जारी है। परिसर के भीतर कार्यरत मज़दूरों के ऊपर नए नए नियम व कानून रोज थोपे जा रहे हैं।
मज़दूरों के पानी पीने, वॉशरूम जाने एवं लंच करने की तमाम प्रक्रियाओं में जटिलता पूर्ण नियम कानून को समायोजित किया जा रहा है, जिससे मज़दूरों में भय का माहौल पैदा हो रहा है।
प्रबंधक द्वारा मज़दूरों को लगातार यूनियन छोड़ने की धमकी व झूठे आरोपों को लगाकर कंपनी परिसर से बाहर कर देने की धमकी लगातार दी जा रही है, जिससे मजदूरों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है।
धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए मजदूर नेताओं द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि कंपनी प्रबंधक के किसी भी बर्ताव से मजदूर डरने वाले नहीं है और अपने हक व अधिकारों की लड़ाई को जीत कर रहेंगे।
इंटरार्क मजदूर संगठन ऊधमसिंह नगर व इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा मजदूरों के ऊपर हो रहे उक्त शोषण व अत्याचार पर रोक लगाने, कंपनी बन्दी कर उत्तराखंड से बाहर पलायन कर मजदूरों की छंटनी करने की साजिश के खिलाफ मजदूरों ने आर पार का संघर्ष करने का मन बना लिया है।
इंटरार्क मजदूर संगठन ने की SKM से मुलाकात
आप को बात दें कि इंटरार्क मजदूर संगठन ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह ,इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के उपाध्यक्ष शैलेन्द्र पांडे जी के नेतृत्व में इंटरार्क कंपनी के मजदूर साथी SKM लखीमपुर खीरी प्रदर्शन में पहुंचे थे।
जहां उन्होंने SKM से सिडकुल पंतनगर व ऊधमसिंह नगर के मजदूरों की ओर से एकजुटता कायम कर मजदूर किसान एकता के नारे को साकार किया। वरिष्ठ किसान नेता चौधरी राकेश समेत राष्ट्रीय स्तर केअन्य किसान नेताओं से मुलाकात की।
इंटरार्क कंपनी किच्छा जिला ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड )के गेट के निकट इंटरार्क मजदूरों के धरनास्थल पर सितंबर माह 2022 को मजदूर किसान महापंचायत का प्रस्ताव रखा।
जिस पर संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता चौधरी राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
(स्टोरी संपादितः शशिकला सिंह)
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