हिताचीः अगुवा मजदूरों को निकालने की कोशिश में मैनेजमेंट

हिताचीः अगुवा मजदूरों को निकालने की कोशिश में मैनेजमेंट

By शशिकला सिंह

हरियाणा के गुड़गांव आईएमटी मानेसर में स्थित हिताची मेटल्स इण्डिया के प्रबंधन और ठेका मज़दूरों के बीच चल रहा तनाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है।

प्रबंधन लगातार ठेका मज़दूरों को नौकरी से निकालने की धमकियां दे रहा है। अभी बीते गुरुवार को प्रबंधन में पांच ठेका मज़दूरों को बिना कारण बताए नौकरी से निकाल दिया था।

हिताची में ठेका मज़दूर के तौर पर काम करने वाले एक मज़दूर ने नाम न बताने की शर्त पर वर्कर्स यूनिटी को बताया की हिताची के 200 ठेका मज़दूर लगातार स्थाई होने की मांग कर रहे हैं। जिसके संबंध में ठेका मज़दूरों के पांच अगुवा मजदूरों ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन श्रम विभाग में लगाया था।

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उनका कहना है कि अब अधिकारी उन सभी पांच अगुवा मजदूरों को काम से निकालने की धमकी दे रहे हैं । उनका कहना है कि यदि सभी ठेका मज़दूर प्लांट के बाहर भी अपनी समस्याओं के मुद्दों पर बैठक करते हैं, तो प्रबंधन मज़दूरों को अगुवा मजदूरों के खिलाफ भड़काने का भी कोशिश कर रहा है।

‘ठेकेदार दे रहा है मरने पीटने की धमकी’

हिताची ठेका मज़दूरों ने बताया कि प्रबंधन मज़दूरों को जरुरत के समय भी छुट्टियां देने से इंकार कर रहा है। जब ठेका मज़दूर छुट्टी की बात करते हैं, तो उनको ठेकेदार से अनुमति लेने को कहा दिया जाता है। यहां तक कि यदि को ठेका मज़दूर अपनी शिफ्ट बदल कर अपने जरुरी कामों को करने की कोशिश करता है, तो उसको भी काम से निकालने की बात कही जाती है।

उनका आरोप है कि “यदि कोई ठेका मज़दूर ठेकेदार के पास छुट्टी की बात करने जाता हैं, तो ठेकेदार उसको मरने पीटने की धमकी दे कर भगा देता है।”

ठेका मज़दूर स्थाई रोज़गार की कर रहा हैं मांग

आप को बता दें कि हिताची मेटल्स इण्डिया प्रा लि में लगभग 200 ठेका मजदूर काम करते हैं। यह सभी मजदूर 26 जून 2022 से परमानेंट होने की मांग कर रहे हैं। लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा है। उल्टा प्रबंधन मज़दूरों पर झूठा आरोप लगा कर लगातार काम से निकालने की धमकियां दे रहा है।

मज़दूरों का कहना है कि प्लांट के अंदर ठेका और परमानेंट मज़दूर से एक जैसा काम करवाया जाता है। लेकिन दोनों के वेतन में बहुत बड़ा अंतर है। सभी ठेका मज़दूर प्लांट में आपरेटर का काम करते हैं और वेतन हेल्पर का मिलता है इसलिए सभी ठेका मज़दूर प्रबंधन से परमानेंट होने की मांग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि देश में ठेका मज़दूरों पर प्रताड़ना के मामले लगातार बढ़ते जा रही हैं इसके पीछे सब से बड़ा कारण यह है कि फैक्टर यूनियन के सदस्य ठेका मज़दूरों को यूनियन की सदस्य नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण ठेका मज़दूरों जब भी अपने हकों के आवाज़ उठाते है, तो उनको नौकरी से निकालने की धमकियां दी जाती हैं । जिस कारण वह लगातार मानसिक शोषण का शिकार हो रही हैं।

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WU Team

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