चार साल में खाड़ी में 28,523 भारतीय मज़दूर मरे, हर एक अरब डॉलर के पीछे 117 भारतीय मज़दूरों की जान गई
चार सालों में खाड़ी देशों में 28,523 भारतीय मज़दूरों ने अपनी जान गंवाई है।
संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सरकार ने लोकसभा को इसकी जानकारी दी है।
विदेश मामलों के राज्यमंत्री वीके सिंह ने 12 दिसम्बर को लोकसभा में बताया कि 2014 से 2018 के बीच सर्वाधिक 12,828 भारतीय मज़दूर सउदी अरब में मरे।
एक सवाल के जवाब में वीके सिंह ने छह खाड़ी देशों- यूएई, बहरीन, ओमान, क़तर और सउदी अरब का आंकड़ा दिया।
गौरतलब है कि भारतीय मज़दूर खाड़ी से सबसे अधिक पैसा भारत भेजते हैं (पूरी दुनिया में फैले भारतीय प्रवासियों के मुकाबले क़रीब आधा)।
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2016 में सबसे अधिक 6 हज़ार मौतें
इन चार सालों में बहरीन में 1,021 और कुवैत में 2,932 भारतीय मज़दूरों की मौत हुई।
इन खाड़ी देशों में पिछले चार सालों में भारतीय मज़दूरों की सबसे अधिक मौतें 2016 में हुईं (6,013 मौतें)।
जबकि 2017 में 5,906 भारतीय मज़दूरों ने अपनी जान गंवाई।
विदेशों में भारतीय मज़दूरों के इतने बड़े पैमाने पर मारे जाने को लेकर तमाम लेबर एक्टिविस्टों ने चिंता जताई है।
साहिबाबाद के ट्रेड यूनियन एक्टिविस्ट सुभाष शर्मा का कहना है कि खाड़ी देशों में भारतीय मज़दूरों को बंधुआ मज़दूर की तरह ले जाया जाता है।
प्रति दिन 10 भारतीय मज़दूर मरते हैं
वो कहते हैं, “बिचौलिये के मार्फत ले जाए गए मज़दूरों का पासपोर्ट, वीज़ा जब्त कर लिया जाता है, उन्हें बंकर टाइप के कमरों में भेड़ की तरह ठूंस दिया जाता है।”
एक गैर सरकारी संस्था कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव ने आरटीआई के मार्फ्त मिली सूचनाओं के आधार पर दावा किया है कि खाड़ी देशों में रोज़ाना 10 भारतीय मज़दूरों की मौत होती है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक ख़बर के अनुसार, संस्था से जुड़े वेंकटेश नायक ने बहरीन, ओमान, क़तर, कुवैत और यूएई में भारतीय दूतावास से इस बारे में आरटीआई के मार्फत 2012-18 के बीच की जानकारी मांगी थी।
नायक ने अपनी पड़ताल में पाया कि 2012-18 के दौरान 24,570 भारतीय मज़दूर इन पांच खाड़ी देशों में मारे गए, यानी 10 मज़दूर प्रति दिन।
हर एक अरब डॉलर पर 117 भारतीय मज़दूरों की मौत
उनके अनुसार, परदेसियों की भेजी हुई कुल कमाई जो भारत में आती है उसका आधा हिस्सा इन खाड़ी देशों में काम करने वाले मज़दूरों का होता है।
2012 से 2017 के बीच पूरी दुनिया भर में फैले भारतीय कामगारों ने भारत में कुल 410.33 अरब डॉलर भेजे।
जबकि इसी दौरान अकेले खाड़ी देशों के भारतीय मज़दूरों ने 209.07 अरब डॉलर भेजे।
नायक की पड़ताल के अनुसार, हर एक अरब डॉलर के पीछे ओमान में 187, बहरीन में 183, सउदी अरब में 162, क़तर में 74, यूएई में 71 भारतीय मज़दूरों ने अपनी जान गंवाई।
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