बढ़ती महंगाई से त्रस्त जर्मनी में कर्मचारियों की हड़ताल, पूरे जर्मनी में हवाई और रेल यात्रा बाधित
किसानों के आंदोलन के बाद जर्मनी में अब हवाई अड्डे के कर्मचारी और ट्रेन ड्राइवरों ने भी हड़ताल कर दिया है. हड़ताली कर्मचारी देश में बढ़ती मुद्रास्फीति को कम करने के लिए अधिक वेतन की मांग कर रहे हैं.
कर्मचारियों के इस हड़ताल ने पूरे जर्मनी में हवाई और रेल यात्रा को बाधित कर दिया है.कर्मचारी जीवनयापन की बढ़ती लागत से निपटने के लिए बेहतर वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं.
गुरुवार को ट्रेन चालकों की हड़ताल राष्ट्रीय एयरलाइन लुफ्थांसा के ग्राउंड स्टाफ की हड़ताल के साथ हुई, जिसके कारण फ्रैंकफर्ट सहित जर्मनी के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों पर बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द कर दी गईं.
जर्मनी के ट्रेन यूनियन प्रमुख क्लॉस वेसेल्स्की ने कहा कि ‘रेल हड़ताल शुक्रवार तक चलने वाली है. सरकार अगर हमारी मांगो को नहीं सुनती है तो हम इस हड़ताल को और व्यापक स्तर पर ले जायेंगे’.
बर्लिन सेंट्रल स्टेशन से रिपोर्टिंग करते हुए, अल जज़ीरा के डोमिनिक केन ने कहा कि ‘कोई भी उपक्षेत्रीय ट्रेनें नहीं चल रही थीं, केवल कुछ क्रॉस-कंट्री ट्रेनें अभी भी सक्रिय हैं. पुरे देश में ऐसी ही तस्वीर देखने को मिल रही है’.
देश की सभी लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ-साथ क्षेत्रीय ट्रेनों में से लगभग 80 प्रतिशत रद्द कर दी गई हैं. जिससे सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो गया और कर्मचारियों को काम पर समय पर पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा.
उच्च मुद्रास्फीति और मज़दूरों की कमी से जूझ रहे जर्मन अर्थव्यवस्था के लिए कर्मचारियों की ये हड़ताल बड़ी मुसीबत बन सकती है.
ये हड़ताल ऐसे समय में हुआ है जब आर्थिक संस्थान डीआईडब्ल्यू बर्लिन ने चेतावनी दी थी कि जर्मन अर्थव्यवस्था उम्मीद के मुताबिक तेज़ी से नहीं बढ़ रही है, और साल की शुरुआत में मंदी की भविष्यवाणी की है.
डीआईडब्ल्यू के अनुसार, 2023 के अंतिम तीन महीनों में अर्थव्यवस्था में 0.3 प्रतिशत की गिरावट के बाद, पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.1 प्रतिशत की कमी होने की उम्मीद है. तकनीकी मंदी को आमतौर पर बैक-टू-बैक तिमाहियों के रूप में परिभाषित किया जाता है.
जर्मन ट्रेन ड्राइवर्स यूनियन (जीडीएल) की मांग है कि ‘ राष्ट्रीय ट्रेन ऑपरेटर डॉयचे बान भारी मुद्रास्फीति और कर्मचारियों की कमी को दूर करने में मदद करने के लिए पूर्ण वेतन पर मज़दूरों के साप्ताहिक घंटों को 38 से घटाकर 35 घंटे कर दे’.
यूनियन ने ये मांग पिछले सप्ताह दोनों पक्षों के बीच कई सप्ताह तक चली बातचीत टूटने के बाद की है. इससे पहले जनवरी के अंत में एक पूर्व हड़ताल, जो राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी के 30 साल के इतिहास में सबसे लंबी हड़तालों में से एक थी, समय से पहले समाप्त हो गई क्योंकि आर्थिक मंदी के कारण जीडीएल पर बातचीत की मेज पर लौटने का दबाव था.
इस बीच लुफ्थांसा वेतन को लेकर मज़दूर संघ वर्डी के साथ विवादों में भी फंसा हुआ है. यूनियन एयरलाइन के कर्मचारियों के लिए एक वर्ष में वेतन में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ-साथ 3,000 यूरो ($3,268) बोनस की मांग कर रही है.
जर्मनी के सबसे व्यस्त फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे को हड़ताल के कारण निर्धारित प्रस्थान रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जो शनिवार सुबह तक चलेगा.
हवाई अड्डे के संचालक ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘ फ्रैंकफर्ट में अपनी यात्रा शुरू करने वाले सभी यात्रियों से हम निवेदन करते हैं की 7 मार्च को वो हवाई अड्डे पर न आये और अपनी एयरलाइन कंपनी से संपर्क करें’.
एडीवी हवाईअड्डा संघ ने अपना एक बयान जारी करते हुए कहा है कि ‘ विमानन क्षेत्र में हड़तालें, व्यापार और पर्यटन के केंद्र के रूप में जर्मनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही हैं. कर्मचारियों को अपना हड़ताल जल्द से जल्द वापस ले लेना चाहिए’.
(अलजजीरा की खबर से साभार)
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