दरोगा की कार से मजदूर की कुचलकर मौत, अस्पताल में 8 घंटे तक हुआ हंगामा
उत्तराखंड के रुद्रपुर, इंटरार्क कंपनी के मजदूरों के धरना-प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे मज़दूर की एलआईयू इंस्पेक्टर टक्कर मार दी जिससे उसकी मौत हो गई।
इस कार में सवार एलआईयू इंस्पेक्टर ने ही मज़दूर को जिला अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
अमर उजाला की खबर के अनुसार, जिला अस्पताल पहुंचे मज़दूर के परिजनों और अन्य लोगों की पुलिस कर्मियों से तीखी नोकझोंक हुई। आठ घंटे तक हंगामा चलता रहा जिसके चलते चार थानों की पुलिस को मौके पर बुला लिया गया।
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मूल रूप से जिला सीवान, बिहार के गांव हरिहरपुर, सिरसिया निवासी महेश प्रसाद (43) शनिवार सुबह साइकिल पर सवार होकर सिडकुल स्थित इंटरार्क कंपनी के गेट पर धरना देने जा रहे थे। इसी दौरान एलआईयू निरीक्षक कार में सवार होकर कहीं जा रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पारले चौक के पास साइकिल सवार महेश अचानक निरीक्षक की कार के आगे गिर गया और कार की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया।
मज़दूर के सिर और गर्दन में गंभीर चोट लगी। आननफानन निरीक्षक ने नजदीक खड़े ट्रैफिक पुलिस कर्मी कैलाश की मदद से मज़दूर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलने पर परिजनों के साथ ही कई मज़दूर और अन्य लोग जिला अस्पताल में पहुंच गए। उन्होंने आरोपी निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इस दौरान समझाने पहुंचे पुलिस अधिकारियों के साथ लोगों की तीखी नोकझोंक हुई। इसलिए अस्पताल परिसर में पुलिस तैनात कर दी गई।
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जिला अस्पताल में आठ घंटे हुआ हंगामा
मज़दूर की मौत सुबह करीब 11 बजे हुई। इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। करीब 12 बजे परिजन जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने पुुलिस पर कई सवाल उठाए।
परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने उन्हें घटना की सूचना नहीं दी जबकि पुलिस का कहना था कि वह मृतक की शिनाख्त में जुटी थी और शिनाख्त होने के बाद परिजनों को सूचना दी गई। परिजनों का कहना था कि आरोपी निरीक्षक को मौके पर बुलाया जाए लेकिन पुलिस ने निरीक्षक को नहीं बुलाया।
कुछ देर बाद एसपी सिटी मनोज कत्याल भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद भी परिजन लगातार विरोध, प्रदर्शन करते रहे। उन्होंने मज़दूर के शव को उठाने नहीं दिया। इंटरार्क कंपनी के मज़दूर भी अस्पताल परिसर पहुंच गए। इस दौरान पुलिस और परिजनों के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई।
परिजनों का आक्रोश देख मौके पर चार थानों की पुलिस पहुंच गई। महिला पुलिस भी मौजूद रही। घटना की सूचना मिलने पर पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल समेत कई राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की।
चार साल पहले से निलंबित मज़दूर काट रहा था कंपनी के चक्कर
मृतक महेश करीब 15 वर्षों से रुद्रपुर में किराए पर रहकर सिडकुल की इंटरार्क कंपनी में नौकरी कर रहा था। महेश के साथियों ने बताया कि करीब चार वर्ष पहले कंपनी ने महेश सहित कई मज़दूर को निलंबित कर दिया था जबकि करीब तीन माह पहले कंपनी के गेट में ताला लग गया था और कंपनी बंद हो गई थी।
हालांकि 10 दिन पहले कंपनी का संचालन फिर से शुरू हो गई था लेकिन महेश सहित कई मज़दूरों की कंपनी में बहाली नहीं हो सकी थी। इसी कारण कई मज़दूर शनिवार सुबह कंपनी के गेट पर धरना देने जा रहे थे लेकिन इसके पहले ही यह हादसा हो गया।
दो साल बाद बेटी को भेजा था स्कूल
मृतक महेश के पड़ोसियों ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से उसकी नौकरी छूटने के बाद उसकी आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई थी। महेश के परिवार में पत्नी तारा देेवी, बेटा विकास, बेटी रितु, नंदिनी हैं।
उसकी छोटी बेटी नंदिनी की पढ़ाई भी पिछले दो वर्षों से छूट गई थी। बृहस्पतिवार को पड़ोसियों की आर्थिक मदद से उसने दो साल बाद नंदिनी का स्कूल में प्रवेश कराया था जबकि उसकी बड़ी बेटी रितु 11वीं और बेटा विकास 12वीं का छात्र है। पत्नी तारा देवी गृहिणी हैं।
एलआईयू दरोगा से परिजनों की हुई झड़प
मृतक के परिजनों ने अस्पताल पहुंच कर हंगामा किया। पहले पुलिस ने अज्ञात वाहन से हादसा होना बताया जबकि घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एलआईयू निरीक्षक की कार से दुर्घटना हुई।
इसके बावजूद अस्पताल में मौजूद एक एलआईयू दरोगा परिजनों से कहने लगा कि महेश अचानक कार के आगे आ गया। इस कारण घटना हुई।
एलआईयू दरोगा की इस बात से मृतक के परिजन भड़क गए और उनके बीच तीखी नोकझोंक हो गई। दोनों पक्ष एक-दूसरे को देख लेने तक की बात कहने लगे। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने एलआईयू दरोगा को मौके से हटा कर मामला शांत कराया।
एलआईयू निरीक्षक के निजी वाहन से मज़दूर की मौत हुई है हालांकि निरीक्षक ने दुर्घटना को रोकने का पूरा प्रयास किया। घायल मज़दूर को अस्पताल भी पहुंचाया था। मज़दूर के परिवार की पूरी मदद करने का प्रयास किया जाएगा।
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