केरल: MNREGA श्रमिकों को भुगतान में देरी होने पर मिलेगा ब्याज, जिम्मेदार अधिकारियों से की जाएगी वसूली
केरल सरकार के नये नियम के अनुसार महात्मा गाँधी ग्रामीण रोजगार गैरंटी (मनरेगा) के तहत काम करने वालों को 15 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान अनिवार्य है, भुगतान में 15 से अधिक देरी होने पर मजदूरों को 0.05 फीसदी के दर से मुआवजा दिया जायेगा। यह राशि वेतन भुगतान में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से वसूल की जाएगी।
स्थानीय स्वशासन विभाग के मंत्री एम .बी. राजेश ने शुक्रवार को कहा कि, उनके विभाग द्वारा बनाए गए नियमों में कहा गया है कि 16वें दिन से प्रत्येक बाद के दिन के लिए मजदूरी का 0.05% मुआवजे के रूप में दिया जाएगा। मुआवजे का भुगतान राज्य रोजगार गारंटी कोष के संसाधनों से किया जाएगा।
राजेश ने बताया कि श्रमिकों द्वारा एक कार्य पूरा करने के बाद दो दिनों के भीतर सूचना को प्रबंधन सूचना प्रणाली में डाल दिया जाना चाहिए और पांच कार्य दिवसों के भीतर सभी सत्यापन पूरे कर लिए जाने चाहिए।
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किसी भी काम के बाद अधिकारियों को पांच दिनों के भीतर काम का निरीक्षण करना आवश्यक है। नियम यह भी कहते हैं कि मजदूरी का रोस्टर छह दिनों के भीतर तैयार किया जाना चाहिए और मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया सात दिनों के भीतर शुरू की जानी चाहिए।
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स्थानीय स्वशासन विभाग द्वारा बनाए गए नियमों में कहा गया है कि 16वें दिन से प्रत्येक बाद के दिन के लिए मजदूरी का 0.05% मुआवजे के रूप में दिया जाएगा। मुआवजे का भुगतान राज्य रोजगार गारंटी कोष के संसाधनों से किया जाएगा।
इस नये नियम में कहा गया है कि श्रमिकों को मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा, सिवाय इसके कि जब तकनीकी समस्याओं के कारण, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान या धन की कमी होने पर वेतन भुगतान विवरण वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया जा सकता है।
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