माले ने ‘सरकार बदलो, बिहार बदलो’ नामक घोषणा पत्र किया जारी
माले ने गुरुवार को पार्टी का ‘सरकार बदलो, बिहार बदलो’ नाम का घोषणा पत्र जारी कर दिया है। पार्टी कार्यालय में महासचिव दीपंकर भट्टाचार्या ने कहा कि यह उम्मीदों का दस्तावेज है जो बदलाव का बड़ा हथियार बनेगा। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना की वकालत की।
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घोषण पत्र के माध्यम से उन्होंने मजदूरों और कर्मचारियों के अधिकार की रक्षा का संकल्प दोहराया। साथ ही सबको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जरूरत जताई।
उनकी मांग है कि आशा और आगनबाड़ी कर्मियों को सरकारी कर्मी का दर्जा मिले और शहरों में उषा कार्यकर्ता की बहाली की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल आज पुरानी बातों को दोहराकर लोगों को डरा रहे हैं।
माले के सदस्योंओं का कहना है कि सच यह है कि राज्य की जनता वर्तमान व्यवस्था और खराब होते अपने भविष्य से डर रही है।
अधिक ऊम्र वाले नेता आज 50 साल वाले कर्मियों को हटाने की सलाह दे रहे हैं वृद्धा पेंशन ‘भीख’ के बराबर है। कम से कम लोगों को सौ रुपये रोज तो मिलने ही चाहिए।
पार्टी कि मांगे हैं कि मनरेगा में हर परिवार से कम से कम दो व्यक्ति को दो सौ दिनों का काम देना होगा। दवाइयां और जांच मुफ्त होनी चाहिए। पीएचसी की संख्या भी बढ़ानी होगी।
दिल्ली की तर्ज पर मुहल्ला क्लिनिक भी हो सकता है। नियोजित शिक्षकों की पीड़ा जायज है। प्रेसवार्ता में पोलित ब्यूरो की सदस्य कविता कृष्णन, केडी यादव और राजाराम सिंह थे।
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