हिताचीः मैनेजमेंट ने 5 ठेका मजदूरों को ‘धक्का मार’ प्लांट से निकाला, परमानेंट करने की कर रहे थे मांग
By शशिकला सिंह
हरियाणा के गुड़गांव आईएमटी मानेसर में स्थित हिताची मेटल्स इण्डिया प्रा लि ने अपने पांच ठेका मज़दूरों को बिना कारण बताए नौकरी से निकाल दिया है। इतना ही नहीं प्रबंधन के कुछ अधिकारियों ने निकाले गए मज़दूरों के साथ काम के दौरान हाथापाई भी की थी।
प्रबंधन ने महेश, संजीत, अर्जुन, रविशंकर और गौतम को बिना नोटिस के काम से निकाल दिया है। यह सभी मज़दूर पिछले 4 सालों से प्लांट में ठेका मज़दूर के तौर पर काम करते थे।
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प्लांट से निकले गए एक मज़दूर ने नाम न बताने की शर्त पर वर्कर्स यूनिटी को बताया कि कल प्रबंधन ने पांच ठेका मज़दूरों को नौकरी से निकाल दिया है।
प्रबंधन ने उनके ऊपर सही से काम न करने का आरोप लगाया है। जबकि मज़दूरों का कहना है कि हम पिछले 4 -5 सालों से प्लांट में काम कर रहे हैं , लेकिन आज से पहले हम लोगों पर इस तरह का आरोप नहीं लगाया गया है।
बीते दस दिनों से नहीं करने दिया जा रहा था काम
उन्होंने बताया कि काम से निकालने से पहले हम सभी को पिछले दस दिनों के HR डिपार्टमेंट में बैठाया जा रहा था।हम सभी मज़दूर प्लांट में सुबह 9 बजे आते थे और शाम को 6 बजे जाते थे। लेकिन हम लोगों को मशीनों पर काम नहीं करने दिया जाता था।
निकाले गए एक मज़दूर का कहना है कि हिताची मेटल्स इण्डिया प्रा लि में इंजीनियर के पद पर काम करने वाले राजेश ने निकाले गए मज़दूरों को मशीनों पर से धक्का मार कर हटाया था जिस कारण एक मज़दूर को गंभीर चोटें भी लग सकतीं थीं।
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उनका कहना है प्रबंधन ने मज़दूरों को नौकरी से निकालने से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया था यहां नौकरी से निकलने का कोई लिखित पत्र भी नहीं दिया है।
प्रबंधन दे रहा है धमकियां
आप को बता दें कि हिताची मेटल्स इण्डिया प्रा लि में लगभग 200 ठेका मजदूर काम करते हैं। यह सभी मजदूर 26 जून 2022 से परमानेंट होने की मांग कर रहे हैं।
लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा है। उल्टा प्रबंधन मज़दूरों पर झूठा आरोप लगा कर लगातार काम से निकालने की धमकियां दे रहा है।
मज़दूरों का कहना है कि प्लांट के अंदर ठेका और परमानेंट मज़दूर से एक जैसा काम करवाया जाता है। लेकिन दोनों के वेतन में बहुत बड़ा अंतर है।
सभी ठेका मज़दूर प्लांट में आपरेटर का काम करते हैं और वेतन हेल्पर का मिलता है इसलिए सभी ठेका मज़दूर प्रबंधन से परमानेंट होने की मांग कर रहे हैं।
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