मानेसर छोड़ कर क्यों भाग रहे हैं प्रवासी मुसलमान मज़दूर?
हाल ही में हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र मानेसर के एक मंदिर में आयोजित हिंदू पंचायत में मुस्लिम दुकानदारों और विक्रेताओं के ‘आर्थिक बहिष्कार’ का ऐलान के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, आईएमटी मानेसर में एक झुग्गी के कई प्रवासी मज़दूर अपने गांव वापस जा रहे हैं। उधर, मानेसर प्रशासन ने बहिष्कार को गैरकानूनी बता मामले की जाँच के आदेश दिए हैं।
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गुड़गांव के डिप्टी कॉम मिशनर निशांत यादव ने कहा कि सेक्टर 1 आईएमटी मानेसर की झुग्गी में रहने वाले मज़दूरों ने बताय कि ज्यादातर वो मज़दूर गए हैं जो कूड़ा बीनने या सफाई का काम करते हैं।
साथ ही उन्होंने बताया कि झुग्गियों में रहने वाले लगभग 50 मज़दूरों के परिवार ऐसे हैं, जो अभी तक यहां से जा चुके हैं जिसके बाद झुग्गी बस्ती काफी हद तक खाली हो चुकी है।
बहिष्कार के डर लौट रहे प्रवासी मज़दूर
झोपड़पट्टी में झुग्गियों को किराए पर देने वाले सतपाल ने कहा, “मुझे सूचना मिली थी कि इस सप्ताह कम से कम 20-25 झोपड़ियों को खाली कर दिया गया है और मज़दूरों के परिवार असम में अपने गांव वापस चले गए हैं।”
उनका कहना है कि ‘जब से हिंदू पंचायत में मुस्लिम दुकानदारों और विक्रेताओं के ‘आर्थिक बहिष्कार’ का ऐलान किया गया है उसके बाद से मज़दूरों ने झुग्गियों को खली करना शुरू कर दिया है।’
झुग्गी बस्ती से सटे एक घर में रहने वाली बिमला यादव ने कहा, “कुछ परिवार डर के मारे असम में अपने घर के लिए निकल गए।”
मज़दूरों से मांगा जा रहा ID प्रूफ
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि कुछ लोग एक ज्ञापन की एक कॉपी दे गए थे जिसमें लिखा था कि कट्टर संगठनों ने सभी मज़दूरों को अपने आईडी कार्ड और दस्तावेजों की जांच करने के लिए कराने के लिए कहा है। इस कॉपी के आधार पर आर्थिक बहिष्कार शरू किया जाना था।
एक स्थानीय मज़दूर भट चंद ने बताया कि ‘हिन्दू संगठनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जिसमें अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।’
हालांकि, पुलिस ने धमकियों के कारण लोगों के जाने की बात से इनकार किया है। मानेसर के डीसीपी मनबीर सिंह ने कहा, “हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। साथ ही उनका कहना है कि सकता है कि लोग अपनी मर्जी से झुग्गियां खाली कर के चले गए हों।”
वहीँ दूसरी तरफ कट्टर हिंदू संगठनों के सदस्यों ने कहा था कि झुग्गियों में मज़दूर अवैध रूप से रह रहे हैं उन्हें बेदखल किया जाना चाहिए। साथ ही उनका कहना है कि कई मज़दूर ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना धर्मांतरण किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि बीते गुरुवार को गुड़गांव में मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार पर मानेसर मारुति प्लांट स्थित कई यूनियनों ने ऐतराज जताया था। यूनियन के सदस्यों का कहना था कि इस प्रकार की गतिविधियां समाज में फूट डालने का काम करती हैं इन्हें रोका जाना चाहिए।
मारुति सुजुकी मज़दूर संघ के एक मज़दूर नेता का कहना था कि “किसी भी धर्म के मज़दूरों का आर्थिक बहिष्कार करना सही बात नहीं है।”
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