गुड़गांव में मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार पर यूनियनों ने जताया ऐतराज, कहा- फूट डालने की नीति नहीं चलेगी
गुड़गांव में मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार पर मानेसर मारुति प्लांट स्थित कई यूनियनों ने ऐतराज जताया है। यूनियन के सस्दयों का कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियां समाज में फूट डालने का काम करती है इन्हें रोका जाना चाहिए।
आपको बता दें कि हरियाणा में मानेसर के एक मंदिर में आयोजित की गई हिंदू समाज की पंचायत में मुस्लिम दुकानदारों और विक्रेताओं के ‘आर्थिक बहिष्कार’ का ऐलान किया गया है। इस मुद्दे पर यूनियनों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
मारुति सुजुकी मज़दूर संघ का कहना है कि “किसी भी धर्म के मज़दूरों का आर्थिक बहिष्कार करना सही बात नहीं है।”
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वर्कर्स यूनिटी से बातचीत के दौरान यूनियन के सदस्य का कहना है कि वह जो भी रोज़गार या दुकान चला रहे है उससे और अपने बच्चों का पेट पालते हैं, वो लोग कोई आतंकवादी तो नहीं है।
“यदि कोई गैर क़ानूनी तरीके से ऐसा कुछ कर भी रहा है, तो उसके खिलाफ कार्रवाही होने चाहिए।”
साथ ही बेलसोनिका मज़दूर यूनियन के सदस्यों का कहना है कि किसी धर्म या जाति के आधार पर किसी के प्रति भेदभाव ठीक नहीं है। सदस्यों का कहना है कि किसी एक धर्म विशेष को चौतरफा घेरना ठीक नहीं है।
“हमारा संगठन मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार को गलत मानता है। इस प्रकार की गतिविधियां समाज में फूट डालने का काम करती हैं।”
गौरतालब है कि उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या के बाद दूसरे राज्यों में भी माहौल गरमा गया है। उदयपुर की घटना के विरोध में बुधवार को मानेसर में हिंदू महापंचायत ने एक बैठक का आयोजन किया था। जिसमें मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार की बातें की गईं थी।
इस पंचायत में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्यों सहित 200 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। प्रतिभागियों में मानेसर, कासन, धारूहेड़ा और गुड़गांव के आसपास के गांवों के लोग भी शामिल थे।
पंचायत के सदस्यों ने डिप्टी कमिश्नर के लिए एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया है कि अवैध अप्रवासियों को इलाके से बेदखल किया जाना चाहिए।
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वर्कर्स यूनिटी का शुक्रिया कि उन्हों ने हरियाणा में देश के सब से बड़े धार्मिक अल्पसंखियाक समूह के सफ़ाये की योजना को ना केवल सार्वजनिक किया है बल्कि इस आपराधिक योजना को चुनोती भी दी है। मुसलमानों के सफ़ाये की इस ख़तरनाक योजना का सफल होने का ख़तरा बहुत ज़्यादा है क्योंकी आरएसएस-भाजपा शासक इस पर मौन हैं यानी उनकी मिलीभगत है। आरएसएस से जुड़े आतंकी तत्व इस देश को तोड़ने का ऐसा शर्मनाक काम कर रहे हैं जिस का सपना सालों से विदेशी दुश्मन पूरा होने का इंतेज़ार कर रहे हैं। हिंदुतवादी आतंकियों के रहते किसी बाहरी दुश्मन की ज़रूरत ही नहीं है।
मानेसर में जुटे हिन्दुत्व सैनिकों को यह चुनोती दी जानी चाहिये की मुसलमानों के बॉइकाट को गुड़गाँव के सभी 5-7 सितारा अस्पतालों पर भी लागू करायें जो देश में अंतर-राष्ट्रीय medical tourism का सब से बड़ा केंद्र हैं और जहां 80-90 फ़ीसदी मरीज़ अरब देशों, ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, तुर्की, इंडोनेशिया जैसे देशों से आते हैं। हिन्दुत्व के वीरों! अस्पतालों के मालिक जो 100 फीसदी हिन्दू हैं, सेंकड़ों मकान मालिकों,सेंकड़ों होटलों और केमिस्ट की दुकानों के मालिकों जो आम तौर पर हिन्दू हैं को बॉइकाट करने का आदेश दें!