मोदी सरकार BSNL के 10 हजार टावरों को बेचने की कर चुकी है तैयारी

मोदी सरकार BSNL के 10 हजार टावरों को बेचने की कर चुकी है तैयारी

By गिरीश मालवीय

मोदी सरकार BSNL के 10 हजार टावरों को बेच रही है। साफ़ दिख रहा है कि नालायक औलाद जैसे बाप दादा की संपत्ति को बेचकर अपनी ऐश का सामान का जुगाड करती हैं।

कुछ ऐसी ही स्थिति है, और तुर्रा यह कि इस नालायक औलाद के चेले चपाटे गाली भी बाप दादा को बकते है कि उन्होंने कुछ भी नही किया !

मुकेश अम्बानी के जियो को खड़ा करने में BSNL को मोदी सरकार ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया।

जानबूझकर BSNL को 4जी स्पेक्ट्रम का आंवटन नहीं किया गया ताकि रिलायंस जियो को फायदा पहुंचाया जा सके।

रिलायंस को सिर्फ डेटा सर्विस के लिए लाइसेंस दिया गया था, लेकिन बाद में 40 हजार करोड़ रुपये की फीस की बजाय 1,600 करोड़ रुपये में ही वॉयस सर्विस का लाइसेंस दे दिया गया।

BSNL का टॉवर पोर्टफोलियो देश में सबसे बेहतरीन था आज भी उसके 70 फीसदी टावर फाइबर युक्त हैं और 4जी और 5जी सर्विस मुहैया कराने के लिए तैयार हैं। लेकिन उसके बावजूद उसे 4जी स्पेक्ट्रम नही दिया गया।

देशभर में BSNL 62,000 टॉवर्स मौजूद

इतना ही नहीं BSNL के इंफ्रास्ट्रक्चर का जियो पूरी तरह से लाभ उठा पाए इसलिए रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड के साथ BSNL का मास्‍टर शेयरिंग समझौता करवाया और इन टावर्स को एक अलग कम्पनी बना कर उसे BSNL से अलग कर दिया गया ताकि रिलायंस जिओ BSNL के देशभर में मौजूद 62,000 टॉवर्स का उपयोग कर सके।

दरअसल मोबाइल टॉवर किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर के लिए सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति होते हैं। इस कदम का परिणाम यह हुआ कि अब BSNL को भी इन टावर की सर्विसेज यूज करने का किराया लगने लगा, और BSNL अपने ही टॉवरों की किराएदार बन गयी।

अब चुन चुन कर उन्ही टावरों को बेचा जा रहा है जिनके पास रिलायंस जियो और एयरटेल जैसे थर्ड पार्टी के दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ को-लोकेशन की व्यवस्था है।

साफ़ दिख रहा है कि अम्बानी अडानी जैसे निजी उद्योगपति औने पौने दाम में यह टॉवर खरीदेगे और इसके नाम पर डेटा महंगा किया जायेगा।

(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

WU Team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.