“मोदी जी, आप भ्रष्टाचार के स्रोत हैं”
By विनोद चंद
‘सबको पता है कि मोदी जी सत्ता में आए ही थे भ्रष्टाचार दूर करने के वादे के साथ। विदेश में रखा काला धन 100 दिन में लाना था और नोटबंदी के बाद 50 दिन में सपनों का भारत बनना था। यही नहीं नीयत पर किसी को शक हो तो किसी भी चौराहे पर बुला लेना था। लोगों ने नहीं बुलाया पर आठ साल आपने क्या किया?
खासकर 8 नवंबर 2016 के बाद, जब आपने पूरे भारत को 500 / 1000 के नोट बदलने के लिए लाइन में खड़ा कर दिया और तब इसी को भ्रष्टाचार दूर करने का उपाय बताया था। इससे आतंकवाद ही नहीं खत्म हो रहा था वेश्यावृत्ति भी रुक रही थी।
आज आठ साल बाद भी अगर भ्रष्टाचार देश का सबसे बड़ा दुश्मन बना हुआ है तो आपने इसके लिए क्या किया? तेजप्रताप यादव ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया, तो आपने एक शब्द नहीं कहा, लेकिन सिस्टम को उन्हें पागल घोषित करने दिया और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
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अब हाल ही में जब यूपी पुलिस के एक जवान ने खराब खाने की शिकायत की तो अजय सिंह बिष्ट यानी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली आपकी डबल इंजन वाली भाजपा सरकार ने समस्या का समाधान करने के बजाय उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया।
एक भाजपा कार्यकर्ता और सड़क ठेकेदार, ने जब आरोप लगाया कि कर्नाटक में बोम्मई सरकार के एक भाजपाई मंत्री, 40% रिश्वत मांग रहा था, और ठेकेदार ने बाद में आत्महत्या कर ली, तो आपने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली।
जब आपकी अपनी मंत्री स्मृति ईरानी ने सिली सोल्स रेस्तरां के बारे में झूठ बोला और बाद में रिकॉर्ड सामने आया कि उनके पति ने उसी पते पर जीएसटी पंजीकरण कराया था और उसी परिसर से खाना और शराब बेच रहे थे, तो आप फ्लाइट मोड में चले गए।
झारखंड में एक अफसर के पास लाखों की नकदी मिली और गृहमंत्री के साथ उसकी पुरानी तस्वीर शेयर करने वाले को तो गिरफ्तार किया गया पर यह नहीं बताया गया कि उसने इतने पैसे कमाए कैसे? ठीक हैं कि पकड़ी गईं और कार्रवाई चल रही है लेकिन दूसरे दलों के जो आरोपी वाशिंग मशीन पार्टी में शामिल हुए उनके बारे में कब बोलेंगे। बंगाल के मंत्री का जिक्र तो कर दिया।
आर्यन खान की गिरफ्तारी वसूली के लिए होने की चर्चा थी। मामला नहीं बना और 22 दिन उसे बिला वजह जेल में रखा गया। इसकी जांच नहीं होनी चाहिए? जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? हुई, सुनिश्चित हो गया कि आगे ऐसा नहीं होगा?
प्रधानमंत्री जी यह समय चिन्ता जताने का नहीं, यह बताने का था कि आपने क्या-क्या किया?
जब राफेल में 30,000 करोड़ के ऑफसेट अनुबंध का आरोप सार्वजनिक तौर पर लगा, तो आपने चुप रहना चुना और सीलबंद लिफाफों का उपयोग करके रंजन गोगोई द्वारा सौदे की ‘जांच’ की और सीएजी से सौदे का ऑडिट नहीं कराने के लिए कहा। बाद में रंजन गोगोई को राज्य सबा का सदस्य बना दिया। भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए तब आपकी प्रतिबद्धता कहाँ थी?
मोदी जी, आप भ्रष्टाचार के स्रोत हैं। किसी भी भारतीय के मन में कोई शंका न रहे। जिस तरह से अडानी और अंबानी की संपत्ति बढ़ी है और मध्यम वर्ग तथा गरीब तकलीफ में हैं – अब चीजें छिपी नहीं रह सकती। बिहार का मामला ताजा है, वहां तो बात नहीं बनी। वहां ईडी को क्यों नहीं भेज रहे?
इसलिए हमें भ्रष्टाचार पर भाषण न दें। अपना काम ठीक से करें।
(संजय कुमार सिंह द्वारा अनुवाद>फेसबुक से साभार)
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