अब बिहार में होगा सरकारी मंडी बहाली का आंदोलनः राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। अब वहां सरकारी मंडी बहाली का आंदोलन चलाया जाएगा।
वह दिल्ली में द फ्यूचर ऑफ फार्मर्स मूवमेंट किताब के विमोचन के दौरान बोल रहे थे। इस किताब को अखिल भारतीय किसान संगठन के नेता अशोक धवले ने लिखा है।
इसका विमोचन 22 अगस्त को जीपीएफ में हुआ।
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राकेश टिकैत ने कहा, बिहार में पूर्ण रूप से मंडियों को ख़त्म कर दिया गया है और मंडी के लिए आबंटित ज़मीनों को बड़ी बड़ी कम्पनियों को दे दिया गया है।
इन सभी मुद्दों को ले कर 6 सितम्बर को बिहार में बैठक का ऐलान किया।
उनका कहना है कि “बिहार में मंडी और कानून एक्ट शुरू हो चूका है। अगल आंदोलन और बिहार में मंडी बहाली के मुद्दे पर किया जायेगा। उनकी मांग है कि बिहार में नई सरकार से मांग की है कि जल्दी से जल्दी बिहार में मंडियों को बहाल किया जाये।”
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इस समय देश के अलग-अलग स्थानों पर कई आंदोलन चल रहे हैं। देश में इतने आंदोलनों का सीधा तात्पर्य है कि केंद्र सरकार से असंतुष्ट लोगों की संख्या बहुत अधिक है। वह सभी पीडि़त और प्रताडि़तों के लिए उठाई गई आवाज का समर्थन करते हैं।
टिकैत ने कहा, “यह पुस्तक किसानों के आंदोलन और इसकी हर महत्वपूर्ण घटनाओं और तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हमारे एक साल के संघर्ष के विकास के बारे में बताती है, जिसे बाद में केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया था।”
उन्होंने कहा, “पहली बार किसानों के आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया था, जो हमारे लिए एक अच्छा संकेत है।”
एसकेएम के नेता दर्शन पाल ने कहा, “यह पुस्तक किसान आंदोलन के बारे में विकास की वास्तविक घटनाओं को प्रस्तुत करती है क्योंकि लेखक आंदोलन की उच्च स्तरीय समिति का हिस्सा थे और इसके सक्रिय सदस्य थे।”
दर्शन पाल ने कहा, “किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए हमारा आंदोलन जारी है। हमने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से अपनी यात्रा शुरू की और किसानों की कई अन्य मांगों को जारी रखा है, जिन्हें पूरा करने की आवश्यकता है।”
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