फरीदाबाद में भगत सिंह चौक का नाम बदलने से हरियाणा में आक्रोश, कुरुक्षेत्र में जनसभा कर खट्टर सरकार की निंदा

फरीदाबाद में भगत सिंह चौक का नाम बदलने से हरियाणा में आक्रोश, कुरुक्षेत्र में जनसभा कर खट्टर सरकार की निंदा

कल शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का 116वां जन्मदिवस पूरे देश में मनाया गया। मजदूर संगठनों ने खासकर इस मौके पर भगत सिंह को याद किया।  वहीं हरियाणा में फरीदाबाद में भगत सिंह चौक से भगत सिंह की मूर्ति हटने और उसका नाम बदलकर विभाजन विभीषिका चौक रखने को लेकर भारी आक्रोश देखा गया।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट, जन संघर्ष मंच हरियाणा, मनरेगा मजदूर यूनियन व निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन ने एक जनसभा कर हरियाणा की खट्टर सरकार के इस कृत्य की निंदा की और इसे तत्काल पूर्व की स्थिति में लाने की मांग की।

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इससे पहले भारी संख्या में लोग शहीद भगत सिंह दिशा संस्थान में स्थित भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और भगतसिंह व उनके क्रांतिकारी साथियों की विचारधारा पर चलने का संकल्प लिया गया।

‘मेहनतकश वर्ग के पथ प्रदर्शक हैं शहीद-ए-आज़म’

मंच के प्रदेशाध्यक्ष कामरेड फूल सिंह की अध्यक्षता में हुई जनसभा में मुख्य वक्ता शहीद भगत सिंह दिशा मंच के राष्ट्रीय संयोजक कामरेड श्यामसुंदर ने कहा कि शहीद भगत सिंह पीड़ितों, मजदूरों, अनूसूचित जाति जनजातियों , महिलाओं, नौजवानों के पथ प्रदर्शक हैं।

उन्होंने कहा कि भगत सिंह ने देश के मेहनतकश वर्ग को वैज्ञानिक दृष्टिकोण दिया। वे ऐसी आजादी चाहते थे, जिसमें मानव द्वारा मानव का शोषण असम्भव हो और प्रत्येक क्षेत्र में सभी को सामाजिक व आर्थिक आजादी मिले।

उन्होंने कहा कि वर्तमान शोषण दमन पर आधारित व्यवस्था का कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों के आधार पर आमूल चूल परिवर्तन है। मालिक और मजदूर, शोषक व शोषित वर्ग में समानता नहीं हो सकती। वे देसी विदेशी सभी तरह के शोषकों के खिलाफ थे।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से विभिन्न सरकारों ने देश की जनता से झूठे वादे किये और अब मोदी जी बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाकर लोगों को मूर्ख बनाकर वोट हथिया लेते हैं और काम करते हैं पूंजीपति वर्ग के मैनेजर के तौर पर।कारपोरेट पूंजीपतियों की प्रॉपर्टी लगातार बढ़ रही है और गरीब आदमी नर्क का जीवन जी रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश के मजदूरों, किसानों, दलितों, महिलाओं के सामने एक ही रहनुमा हैं और वे हैं शहीद भगत सिंह।

शोषणमूलक व्यवस्था को बदलने की जरुरत

मनरेगा मजदूर यूनियन के नेता पाल सिंह ने कहा कि आज शहीद भगत सिंह के विचारों पर चलकर ही इंकलाब के जरिए मौजूदा शोषणमूलक पूंजीवादी व्यवस्था को बदल कर एक नए समाज का गठन किया जा सकता है, जिसमें मानव द्वारा मानव के शोषण और राष्ट्र द्वारा राष्ट्र के शोषण का अंत हो सकता है और तभी सच्ची समानता आएगी सच्ची आजादी आएगी और कमेरे वर्ग का पूंजीवादी लुटेरे शोषण नहीं कर सकेंगे। यह नया समाज बनाने का काम मजदूरों को खुद भगत सिंह की शिक्षाओं के आधार पर संगठित होकर इंकलाब के जरिए करना होगा इसलिए आज सभी भगत सिंह के वारिसों का दायित्व है कि वह मजदूर बस्तियों में,मनरेगा मजदूरों, मेहनतकश लोगों, शोषित पीड़ित लोगों के पास जाएं, उन्हें संगठित करें और क्रांतिके लिए तैयार करें । नया समाज बनाने के लिए भगत सिंह के सपनों का भारत निर्माण करने के लिए आगे आएं।

सभा के अध्यक्ष कामरेड फूल सिंह, जन संघर्ष मंच हरियाणा के महासचिव सुदेश कुमारी, निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन के प्रधान करनैल सिंह, छात्र संगठन एस ओ एस डी की नेता कविता विद्रोही ने सभा को संबोधित किया।

जन संघर्ष मंच हरियाणा की महासचिव सुदेश कुमारी ने कहा कि भगत सिंह व उनके साथी ऐसा भारत नहीं चाहते थे कि जिसमें महिलाओं पर लगातार हमले होते हो वे घर स्कूल यूनिवर्सिटी ट्रेन वर्कप्लेस कहीं पर भी सुरक्षित नहीं है और हद तो तब हो जाती है जब अंकिता भंडारी जैसे गरीब घर की लड़की नौकरी के लिए जाए और उसको भाजपा के ही मंत्री नेता के लड़के उसे दे देह व्यापार में धकेलने की कोशिश करें और विरोध करने पर उसकी निर्मम हत्या कर दें। और बिलकिस बानो विभत्स हत्या गैंगरेप कांड के अपराधियों को गुजरात सरकार सजा माफ कर दे खुला छोड़ दे और उनका लड्डू और फूल मालाओं से स्वागत भाजपा के लोग करें।उन्होंने कहा कि ये अत्यंत निंदनीय व असहनीय है।

उन्होंने मोदी सरकार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि रसोई गैस डीजल पेट्रोल अन्य चीजों के के रेट बढा बढ़ाकर महिलाओं के ऊपर सरकार बार-बार हमला कर रही है और उन्हें और ज्यादा गरीबी के गर्त में धकेल धकेल कर कारपोरेट व पूंजीपतियों को मालामाल कर रही है । उन्होंने कहा कि महिलाओं को सच्ची आजादी भगत सिंह के रास्ते पर चल कर ही मिल सकती है।

नए लेबर कोड का विरोध

निर्माण कार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष करनैल सिंह ने मोदी सरकार द्वारा बनाई गई श्रम संहिताओं का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि सरकार नंगा होकर निजीकरण, ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है और इन श्रम संहिताओं के द्वारा मजदूरवर्ग को पूरी तरह पूंजीपतियों का गुलाम बना रही है।

एसओएसडी छात्र संगठन नेता कविता विद्रोही ने कहा कि आज छात्रों को शहीद ए आजम भगत सिंह के विचारों के ऊपर चल कर आंदोलन गठित करने की जरूरत है उन्होंने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पोर्न वीडियो बनाए जाने की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि छात्राएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। शिक्षा को महंगा किया जा रहा है। चार सौ चार सौ पर्सेंट तक शिक्षा महंगी कर दी गई है हरियाणा में 500 स्कूलों को खट्टर सरकार द्वारा बंद कर किया जा रहा है जिससे गरीब छात्रों के लिए पढ़ाई करना मुश्किल होता जा रहा है।

सभा में एक प्रस्ताव पेश किया गया जिसमें फरीदाबाद में फरीदाबाद भगत सिंह चौक पर लगी शहीद भगत सिंह की प्रतिमा को हटाकर सरकार व वहां के प्रशासन द्वारा विभाजन विभीषिका का बोर्ड व चित्र लगाने की कड़े शब्दों में निंदा की और मांग की गई कि शहीद भगत सिंह चौंक फरीदाबाद में शहीद भगत सिंह की प्रतिमा को तुरन्त पुनः स्थापित किया जाए और अमृत महोत्सव के नाम पर शहीदे आजम की प्रतिमा हटाने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

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कामरेड फूल सिंह ने कहा कि आज भगत भगत सिंह के जन्म दिवस को बहुत से लोग मना रहे हैं । लेकिन आज भगत सिंह के सच्चे वारिसों को भगत सिंह के विचारों को समझ कर तमाम मजदूर विरोधी ताकतों का पर्दाफाश करना होगा।

उन्होंने सभा में आए हुए मजदूरों महिलाओं किसानों युवाओं का सभा में भाग लेने पर धन्यवाद किया और आह्वान किया कि इन मजदूर विरोधी नीतियों का डट कर विरोध करने के लिए 13 नवम्बर दिल्ली में मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में की जा रही मासा रैली में बढ चढ कर भाग लें।

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Workers Unity Team

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