परदेस से आए कामगार युवाओं के शव एयरपोर्ट से लौटाए
तीन भारतीय नागरिकों के शव कल दिल्ली एयरपोर्ट से वापस दुबई भेज दिए गए। वो भी तब जब इनमें से किसी की मौत भी कोरोना के चलते नहीं हुई थी। ये लोग दुबई में नौकरी किया करते थे। तीनों में से किसी एक की मौत भी कोरोना के कारण नहीं हुई थी
यूएई में भारत के उच्चायुक्त ने भी इस मामले पर हैरानी जताई है. मृतकों में से कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं था, फिर भी उनके शव एयरपोर्ट से लौटा दिए गए।
टिहरी में धनोल्टी तहसील के सकलाना के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट दुबई के एक होटल में नौकरी करता था। 17 अप्रैल को कमलेश की हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी। इस घटना से आहत परिजनों ने प्रशासन और सरकार से मृतक युवक के शव को स्वदेश लाने की गुहार लगायी थी।
लॉकडाउन की चुनौती के बीच दुबई निवासी समाजसेवी रोशन रतूड़ी के प्रयासों से 23 अप्रैल की रात को दुबई के आबूधाबी एयरपोर्ट से एक कार्गो विमान दिवंगत कमलेश के अलावा तीन अन्य शवों को लेकर नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतारा गया।
शव को लेने के लिए कमलेश के चचेरे भाई विमलेश भट्ट जिला प्रशासन से पास बनाने के बाद देहरादून से एंबुलेंस को बुक कर 24 अप्रैल तड़के साढ़े तीन बजे दिल्ली पहुंचे।
विमलेश भट्ट ने बताया कि एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि गृह मंत्रालय ने रात को एक आदेश निकाला कि विदेश से आने वाले किसी भी शव को नहीं लिया जाए।
इस वजह से कमलेश के शव सहित तीनों शवों को वापस दुबई आबूधाबी एयरपोर्ट के लिए विमान से वापस लौटा दिया गया है।
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