आजमगढ़: मंदुरी हवाई पट्टी जमीन अधिग्रहण के खिलाफ SKM का धरना जारी
आजमगढ़ मंदुरी हवाई पट्टी को बढ़ने के नाम पर गरीब मज़दूरों की जमीन अधिग्रहण करने के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के साथ अन्य किसान संगठनों का बीते सात दिनों से धरना लगातार जारी है।
बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने पूर्वी उ.प्र.के सभी किसान संगठनों से आगामी 22 अक्टूबर को आजमगढ़ आने का आह्वान किया है।
धरना स्थल पर मौजूद संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों का आरोप है कि “मोदी सरकार निजीकरण के नाम पर सरकारी व सार्वजनिक संस्थानों को लगातार पूंजीपतियों को बेच रही है जिसके कारण जनता का तत्कालीन सरकार से भरोशा उठ चूका है।”
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उनका कहना है कि कल तक मुसलमानों के खिलाफ बुलडोजर चलाया जा रहा था, अब गरीबों के खिलाफ चलाने लगा है। जगह-जगह बंजर, परती, जी.एस. जमीनों पर बसे गरीबों को बेदखल करने का नोटिस भी जारी किया जा रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति से मिली जानकारी के मुताबिक बीते एक हफ्ते के धरने में शामिल अन्य किसान संगठनों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण का मामल केवल आजमगढ़ में ही नहीं है बल्कि छत्तीसगढ़, झारखंड, सिलगेर व हसदेव अभ्यारण्य से लेकर पूर्वी उ.प्र. में कैमूर व चंदौली के मुसाखाड़ से नौगढ़, बलिया, आजमगढ़ हर जगह मौजूद हैं।
किसान संगठनों का आरोप
किसान संगठनों का आरोप है कि “हवाई पट्टी, मंडी, हाईवे, एक्सप्रेस वे, अभ्यारण्य, सेंचुरी के नाम पर नये-नये सामंत, बड़े भूस्वामी तैयार किये जा रहे हैं। उनका कहना है कि मोदी सरकर के कार्यकाल में किसानों और मजदूरों को पहले ही सबसे सस्ता व लाचार मजदूर बनाया जा चुका था और अब मज़दूरों और किसानों के मान, सम्मान व स्वाभिमान को छिन कर बंधुआ बनाए जाने की तैयारी चल रही है।”
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है इस सभी समस्यायों के लड़ने के लिए SKM द्वारा गांव-गांव में ग्रामीण संघर्ष कमेटियों का गठन किया जाये गए। और इसमें महिलाओं की अग्रिम भूमिका होगी।
धरना स्थल पर मौजूद महिलाओं का आरोप है कि अधिग्रहण का विरोध करने पर (सुनीता व सुमित्रा) दो महिलाओं को 12-13अक्टूबर को पुलिस और शासन-प्रशासन की दबंगई व उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा था।
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धरना में मौजूद ग्रामीणों को जागरूक करने वाले वक्ताओं में सुनीता, सुमित्रा, दुखहरण राम, राजीव यादव , राहुल विद्यार्थी, राजेश आज़ाद , रामनयन, विनोद यादव, अवधेश यादव, प्रमोद, आशीष उपाध्याय, सुरेश, मुन्ना लाल, राधेश्याम आदि ने अपनी बातें रखीं। कार्यक्रम की ध्यक्षता दुखहरण राम और संचालन शशिकांत उपाध्याय द्वारा की गयी।