“सूर्य ग्रहण एक शानदार खगोलीय घटना, जिसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं”
साइंस फॉर सोसायटी द्वारा 25 अक्टूबर को कोसी बैराज पार्क में शाम 4 बजे से सूर्य ग्रहण को लेकर एक कार्यक्रम और सभा का आयोजन हुआ। प्रोग्राम में सैकड़ों लोगों ने इस वर्ष की तीसरी महत्वपूर्ण खगोलीय घटना को वेल्डिंग शीशे तथा अन्य उपकरणों के माध्यम से देखा।
सूर्यग्रहण को लेकर जारी अंधविश्वास ग्रहण के दौरान भोजन तथा खाने-पीने की वस्तुएं प्रदूषित और जहरीली हो जाती हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए जैसी मिथकों दूर करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर सूक्ष्म जलपान का आयोजन भी किया गया।
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कार्यक्रम का संचालन करते हुए उषा पटवाल ने कहा कि सूर्य ग्रहण एक शानदार खगोलीय घटना है। इसका मानव मस्तिष्क, स्वास्थ्य व पर्यावरण पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
उन्होंने कहा कि मिथकों में सूर्य ग्रहण को अमृत मंथन और राहू केतु नाम के दैत्यों की काल्पनिक कहानी से जोड़ा जाता है।
वियतनाम में लोगों की मान्यता है कि सूर्य ग्रहण एक विशाल मेंढक द्वारा सूर्य को खा जाने के कारण होता है। ग्रहण सदा से ही इंसान को जितना अचंभित करता रहा है, उतना ही डराता भी रहा है।
महिला एकता मंच की सीमा सैनी ने कहा , यह एक अंधविश्वास है कि सूर्य की किरणों से गर्भवती महिलाओं व उनके अजन्में बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए उन्हें घर में ही रहना चाहिए। दुनिया भर के वैज्ञानिकों और खगोलविदों ने इस तरह के किसी भी दावे को खारिज कर दिया है।
महेश आर्य ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे सौर मंडल में पृथ्वी समेत सभी ग्रह अपने उपग्रहों के साथ, सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं।
पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा है और वह चक्कर काटते हुए जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, तो चंद्रमा की छाया पृथ्वी के एक हिस्से को ढक लेती है। जिस हिस्से में ये छाया पड़ती है वहां पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है। इसी प्रकार सूर्य और चंद्रमा के बीच जब घूमते हुए पृथ्वी आ जाती है, तो चंद्र ग्रहण दिखई देता है। सूर्य ग्रहण एक शानदार व दुर्लभ खगोलीय घटना है जो कि समय-समय पर होती रहती है, जिससे भयभीत होने की कोई आश्यकता नहीं है।
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सोसायटी के संयोजक मदन मेहता ने कहा कि ब्रह्मांड के अनगिनत तारों में एक तारा सूर्य हमारे सौर मंडल के मध्य में स्थित है। सूर्य की सतह का तापमान 5500 डिग्री सेल्सियस है तथा इसके केंद्र का तापमान 1.5 करोड डिग्री सेल्सियस है। धरती से सूर्य की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है।
सूर्य से निकली किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने में 8.18 मिनट का समय लग जाता है। सूर्य पृथ्वी से इतना ज्यादा बड़ा है कि उसमें 13 लाख पृथ्वी समा सकती हैं। उन्होंने समाज के जागरूक लोगों से साइंस फॉर सोसायटी से जुड़ने की अपील करते हुए कार्यक्रम में भागीदारी करने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
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