रुद्रपुर : 3 साल से लगातार धरने पर बैठे हैं माइक्रोमैक्स के निलंबित मज़दूर, आंदोलन तेज करने की बनाई योजना
उत्तराखंड के पंतनगर सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र भगवती माइक्रोमैक्स के मज़दूरों का संघर्ष आज भी जारी है।
भगवती श्रमिक संगठन के सदस्यों ने आज श्रम भवन में धरना स्थल पर खुली चर्चा की साथ ही आंदोलन को और तेज करने की योजना बनाई।
आज की इस चर्चा के मध्यम से अन्य मज़दरों की भागदारी बढाने पर भी विचार किया गया है।
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भगवती प्रबंधन ने 43 महीने पहले बिना किसी जानकारी के 351 मज़दूरों की गैरकानूनी तौर पर छटनी बंदी कर दी थी। 2018 से ले कर आज तक इन मज़दूरों का संघर्ष जारी है।
यह मज़दूर कंपनी गेट पर दिनरात धरना दे रहे है लेकिन प्रबंधन अभी ही सो रहा है। इस धरने में महिलाएं भी शामिल हैं।
आप को बता दे की अभी कुछ महीनों पहले लेबर डिपार्टमेंट ने मज़दूरों का 2018 से अब तक का वेतन भुगतान करने के लिए कंपनी को लगभग 15.5 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस भेजा है।
लेकिन इस मुद्दे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
हाई कोर्ट के आदेश का नहीं किया जा रहा पालन
भगवती श्रमिक संगठन महासचिव दीपक सनवाल ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि सिडकुल पंतनगर में मोबाइल, एलईडी और टैबलेट बनाने वाली भगवती कंपनी ने साल 2018 में 303 मज़दूरों की छंटनी के साथ ही 47 मज़दूरों को ले-ऑफ कर दिया था और एक मज़दूर को सस्पेंड किया था।
जिसके बाद भगवती श्रमिक संगठन के साथ मिल कर सभी मज़दूर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए लगातार धरना दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जून में कोर्ट का फैसला आया था कि सभी मज़दूरों के बकाये पैसे का भुगतान किया जाये इस सम्बन्ध में प्रबंधन को लगभग 15.5 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस भेजा गया था। लेकिन अभी तक इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
दीपक ने बताया कि संगठन के सदस्यों कि मांग है कि सभी निलंबित मज़दूरों को जल्द से जल्द कार्यबहाल किया जाए। सभी मज़दूरों के बकाया वेतन का भुगतान किया जाए। ढाई महीने पहले दिए गए नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए।
दीपक का कहना है कि इतने लम्बे अंतराल के बाद भी प्रबंधन हमारी मांगों को पूरा करने को तैयार नहीं है इसलिए अब आंदोलन को और तेज करने की तैयारी की जा रही है।
आज के कार्यक्रम में मजदूर सहयोग केंद्र के अध्यक्ष मुकुल, महेंद्र CIE श्रमिक संगठन के संदीप सिंह, दीपक, मनीष तिवारी, ठाकुर सिंह, सूरज सिंह बिष्ट, सुदेश सक्सेना, जोरावर सिंह, गोपाल कृष्ण, धरम पाल, पंकज सेन, दीपक पंत, हेम जोशी, धरमपाल, मनोज सिंह,हेमंत चुफाल, दीपक सनवाल, धीरज खाती आदि मज़दूरों ने अपनी भागीदारी दी।
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