उत्तराखंड: सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग करते हुए राज्य की 35000 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता गई हड़ताल पर
उत्तराखंड में लगभग 35,000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्थायी राज्य सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग करते हुए पिछले सप्ताह से ही काम का बहिष्कार कर दिया है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के इस हड़ताल की वजह से चुनाव और शिक्षा विभाग के काम पूरी तरह से चरमरा गई है.
हड़ताल के बीच ही सोमवार को कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर धर्मपुर से रिस्पना ब्रिज (राज्य विधानसभा के पास) तक एक रैली का आयोजन किया.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मुख्यमंत्री से मिलने की मांग पर उन्हें आश्वासन दिया गया कि बजट सत्र के बाद मुख्यमंत्री उनसे मिलेंगे.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की रैली के बाद सोमवार शाम मिनी आंगनबाडी केंद्रों को उच्चीकृत करने की उनकी मांग को पूरा करने वाला शासनादेश जारी कर दिया गया.
महिला सशक्तिकरण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा, “सरकारी आदेश के अनुसार उत्तराखंड के कुल 5,115 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड किया गया है.”
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन, उत्तराखंड की अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा “हम मिनी आंगनबाड़ियों के उन्नयन के लिए सरकार को धन्यवाद देते हैं. लेकिन जब तक हमें सीएम से मिलने का मौका नहीं दिया जाता, हम काम का बहिष्कार जारी रखेंगे.”
इसी बीच 10 जिलों से 13,500 की संख्या में 2000 से अधिक मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) भी वेतन में बढ़ोतरी और अपनी चार अन्य मांगों को लेकर रैली में भाग लेने के लिए दून पहुंचे. उन्हें भी यही बताया गया कि बजट सत्र के बाद उन्हें सीएम से मिलने का मौका मिलेगा.
आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ के अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा “हमें सीएम की ओर से लिखित आश्वासन दिया गया है कि विधानसभा सत्र के बाद हमें उनके साथ अपनी चिंताओं पर चर्चा करने का मौका दिया जाएगा. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम सचिवालय का घेराव करेंगे ” .
इस बीच आशा कार्यकर्ताओं के एक अन्य समूह ने स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात की जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि ‘एक निश्चित सेवानिवृत्ति राशि और वेतन में बढ़ोतरी की उनकी मांग पर विचार किया जाएगा और इसे विचार के लिए उच्च अधिकारियों के पास भेजा जाएगा’.
आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की हड़ताल जारी, सरकारी सेवाएं प्रभावित
उधर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की रैली का नेतृत्व सुशीला खत्री ने किया और रेखा नेगी के नेतृत्व में आंगनबाडी सदस्यों ने अपने केंद्रों पर ताला लगाकर कार्य बहिष्कार जारी रखा.
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