उत्तराखंड: वन गुर्जर समुदाय के 86 घरों की बिजली काटी, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा ने कनेक्शन नहीं जोड़ने पर दी आंदोलन की चेतावनी
उत्तराखंड के कुम्भगडार, तुमड़िया खत्ता, नत्थावली खत्ता, नई बस्ती आदि क्षेत्रों में निवास कर रहे वन गुज्जर समुदाय में बिना किसी पूर्व जानकारी के बिजली कटाने का मामला सामने आया है। यहां लगभग 86 परिवारों के घरों की बिजली को काट दिया गया है।
गुरुवार को वन पंचायत संघर्ष मोर्चा ने विद्युत निगम के एसडीओ का घेराव कर जल्द से जल्द बिजली कनैक्शन जोड़ने की मांग की है।
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वन गुज्जरों द्वारा एक्स ई एन, विद्युत निगम, रामनगर को दिये गये ज्ञापन में तत्काल बिजली न जोड़े जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
बच्चों की पढाई हुई बाधित
वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के नेता मौ. सफी का कहना है कि निगम द्वारा विद्युत कनैक्शन काटा जाना जनता के संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उनका कहना है कि कहा कि निगम के इस तानाशाही पूर्ण रवैये के कारण हम सभी के घर अंधेरे में हो गया है, जिसके कारण बच्चों को पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामान करना पड़ रहा है।
मौ. सफी ने बताया कि केन्द्र सरकार की पं. दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत हमें विद्युत कनैक्शन दिये गये हैं। जिसका बिल भी वन गुज्जर समुदाय लगातार जमा करता आया है। वन गुज्जरों के वनाधिकार कानून 2006 के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग के समक्ष प्रस्तुत दावे भी लंबित हैं।
वन गुज्जर समुदाय के लोगों का कहना है कि 24 घंटे के भीतर अगर बिजली कनैक्शन नहीं जोड़े जायेंगे तो विद्युत निगम कार्यालय पर 86 परिवारों के सदस्यों द्वारा धरना-प्रदर्शन किया जायेगा।
घेराव कार्यक्रम में मौ. वशीर, नूर आलम, गुलाम रसूल,मौ. आलम, रोशनदीन व मुनीष कुमार शामिल हुए।
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गौरतलब है कि बिना बताए बिजली कटाने का मामला केवल उत्तरखंड में ही नहीं है। राजस्थान में भी बीते 27-28 मई को बिजली विभाग ने गांव के 800 घरों की बिजली कटवा दी थी। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया था। इस दौरान लगभग 22 प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
दरअसल राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने हनुमानगढ़ ज़िले के गोगामेड़ी गांव में बिजली विभाग द्वारा गांव में अनाप शनाप बिजली के बिल भेजे जा रहे थे। ग्रामीण इसे पूरी तरह माफ़ करने की मांग की है। इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने तीन साल से नाफरमानी आंदोलन चलाया हुआ है।
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