उत्तराखंडः घास काटने गईं महिलाओं को छह घंटे थाने में बिठाए रखा
उत्तराखंड में वन विभाग व पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ बदसलूकी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं — यह आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की है।
यह प्रतिक्रिया आ रही है सोमवार को हुए घटना के बाद जिसमें उत्तराखंड के गोपेश्वर जोशीमठ हेलंग गांव में वन विभाग व पुलिस कर्मियों ने कथित तौर पर दो महिलाओं के साथ बदसलूकी की।
घटना उस वक्त की है जब दोनों महिलाएं जंगलों से घास व चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी लेकर वापस जा रही थीं। इतना ही नहीं, उनको कई घंटों तक थाने में भी बिठा के रखा गया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक महिलाएं जंगल से घास ले कर वापस अपने घर जा रही थी, उसी वक्त स्थानीय पुलिस द्वारा उनके पीठ में घास होने पर भी उनके साथ छीना झपटी की गई।
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यह वीडियो सुदूर चमोली से आया है। जहां एनटीपीसी के सुरक्षाकर्मी जंगल से घास लेकर जा रही महिलाओं से घास छीन रही हैं। यह सरकार की घस्यारी कल्याण योजना की हकीकत भी है। सरकार चाहती है कि बेटी ब्वारी अपने बण जंगल से घास न काटे बल्कि सरकार की दुकानों से इसे खरीदें
📸 @hillmailtv pic.twitter.com/QDHWytV1lb— Drug-free Devbhoomi (@dfdsociety) July 17, 2022
उनका कहना था कि उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। यहां के गांव और पहाड़ों में रहने वाले लोगों की जिंदगी जंगलों से जुड़ी है। यही लोग जंगलों में पेड़ लगाते हैं वह जंगलों को बचाते हैं।
साथ ही अपनी जरूरत की चीजों को जंगल से लेकर भी आते हैं जैसे चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी व जानवरों के लिए घास। उन्होंने कहा कि वन विभाग व पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ बदसलूकी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है।
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लोगों ने बताया कि यह सिर्फ इस गांव की घटना नहीं, बल्कि हर गांव में महिलाओं से इसी तरह का सलूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सभी पीड़ित लोगों को एकजुट होकर आवाज उठने की ज़रूरत है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि महिलाओं के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिस व वन विभाग के कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
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