उत्तराखंड: कॉम्पलेन और ग्लूकोन-डी निर्माता कंपनी के मज़दूर 116 दिनों से लगातार दे रहे हैं धरना, जानिए क्या है वजह
उत्तराखंड के सितारगंज स्थित औद्योगिक इलाके में कॉम्पलेन और ग्लूकोन-डी बनाने वाली कंपनी में अचानक क्लोज कर दिया गया है। इस अवैधबंदी के खिलाफ जायडस वैलनेस इम्पलाइज यूनियन और मज़दूर पिछले 116 दिनों से अनिश्चितकाल धरने पर बैठे हुए हैं।
मज़दूरों की मांग है कि प्रबंधन तुरंत इस गैरकानूनी अवैधबंदी को हटाए और सभी मज़दूरों को कार्यबहाल किया जाये।
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मज़दूरों का आरोप है कि बिना किसी पूर्व नोटिस इस तरह से प्लांट को अचनाक बंद करना प्रबंधन की तानाशाही है। धरने पर बैठे मज़दूरों का कहा है कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक सभी मज़दूर अपना धरना जारी रखेंगे।
जायडस वैलनेस एम्प्लाइज यूनियन सम्बंद (AICCTU) के महामंत्री उमेश गोला ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि जायडस वैलनेस कंपनी में कुछ 1200 मज़दूर काम करते थे। कम्पनी के अचानक बंद होने के बाद मज़दूरों के जीवनयापन पर काफी गहरा असर पड़ा है। मज़दूरों ने जब भी प्रबंधन से कार्य बहाली के मुद्दे पर बात करने की कोशिश की तो, प्रबंधन के अधिकारीयों ने यह बोलकर अपना पल्ला झाड़ा है कि कम्पनी को बंद कर दिया गया है अब कुछ नहीं किया जा सकता है।
उनका आरोप है कि प्रशासन व प्रबंधन मज़दूरों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। उमेश ने बताया कि इस कंपनी का एक और प्लांट उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्थित है जहां आज भी पहले की तरह काम किया जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक मज़दूरों ने अपनी मांगों का एक पत्र श्रम विभाग को सौंपा था, लेकिन जब मज़दूरों के पक्ष में कोई कारवाही नहीं हुई तो मज़दूरों ने अपनी मांगों का एक सामूहिक मांग पत्र नेनीताल हाई कोर्ट में लगाया। जिसकी सुनवाई बीते 9 सितम्बर को हुई है। जिसमें कोर्ट ने साफ तौर पर इस क्लोज़र को गैरकानूनी ठहराया था, और तत्काल मज़दूरों को कार्यबहाल करने का निर्देश दिया था। मज़दूरों का आरोप है प्रबंधन और प्रशासन अपने आप को कोर्ट से ऊपर समझ रहा है और हमारी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
धरनारत मज़दूरों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा की गई अवैध बंदी से हो रहे अधिकारों का हनन एवं शोषण नहीं सहेगें तथा वैधानिक कार्यवाही करने के लिये हमेशा तत्पर रहेंगे।
गौरतलब है कि उत्तरखंड में मज़दूरों को काम से निकालने और तालाबन्दी के कई मामले सामने आये हैं। उत्तराखंड के पंतनगर सिडकुल क्षेत्र में स्थित इंटरार्क कंपनी प्रबंधन द्वारा मशीनों को अवैध रूप से प्लांट से बाहर शिफ्ट करने की कोशिश लगातार जारी हैं लेकिन मज़दूरों की एकता से सामने प्रबंधन और प्रशासन हर बार हार जाता है।
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हालही में इंटरार्क बिल्डिंग मैटीरियल्स प्राईवेट लि. के गेट पर मज़दूरों ने मज़दूर किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था जिसमें सयुंक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता राकेश टिकैत भी मौजूद थे। उन्होंने ने मज़दूरों को उनके अधिकारों के अवगत करवाय था।
इतना ही किसान नेताओं ने खुले मंच से प्रबंधन को मज़दूरों को तत्काल कार्यबहाल करने की चेतावनी दी थी साथ ही कहा था कि अगर मज़दूरों की समस्या को जल्द से जल्द नहीं मना जायेगा तो किसान आंदोलन की तरह ही कम्पनी गेट पर ट्रैक्टर और ट्रॉलियां कड़ी कर दी जाएँगी।
(स्टोरी संपादित शशिकला सिंह)
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113 वें दिन के संघर्ष व ज्जबे को सलाम ✊ श्रमिकों ने 13 वर्षो में कारखाने को जिन ऊँचाइयों तक पहुँचाया श्रमिकों की उस मेहनत को भी सलाम ✊
जब तक माँग पूरी नहीं होगी तब तक गैरकानूनी अवैध बंदी के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.|
✊इंकलाब जिंदाबाद
Es tarah se log berojgar ho rahe hai ki pta hi nahi Chal raha hai ki desh or state ko sarkar chala rahi hai ya company wale ye log company kholte hai desh ke yuva ko barbad karke subsidies loot ke bhag jati hai sharam ati hai es desh ke sesan par
अपने आप को मीडिया में चमकाने वाली तथा समय समय पर अपना नाम बदलने वाली ये #Zydus lifescience कंपनी 20 देश और 3 महाद्वीप में व्यापार करती है ,लेकिन अपने देश (भारत) में अपने मजदूरों के साथ लगातार आत्याचार करती आई है। आज सरकार से भी जवाब मांगने का वक्त आ गया है कि आखिर डबल इंजन की सरकार में भी इन पूंजीपतियों के हौसले इतने बुलंद क्यूं है जो रातों रात कंपनी को अवैध तरीके से बंद करके भाग जाते हैं और अपने मजदूरों को सड़क पर छोड़ जाते हैं??????????
90 दिनों से अवैध बंदी के खिलाफ श्रमिक धरनारत है
ZydusWellness कंपनी कर्मचारियों के साथ प्रबंधन ने धोखा किया है।
1200+ कर्मचारी सितारगंज यूनिट में पिछले 12-13 वर्षो से कार्य कर रहे थे।अचानक से कंपनी में 17 जून 2022 को शाम 6 बजे कंपनी के मेन गेट के बाहर बंदी नोटिस लगा देती है।उस समय वहां कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था सिवाए कुछ चुनिंदा कंपनी सिक्योरिटी के अलावा शाम 5:30 बजे कर्मचारी अपनी पाली में काम करके घर को निकल चुके थे। 17 जून 2022 को रात्रि 10:00 बजे की पाली में कर्मचारियों को काम पर आना था। जबकि बंदी नोटिस में लिखा गया है कि 18 जून 2022 से जाइडस वैलनेस प्रोडक्ट्स लिमिटेड सितारगंज यूनिट बन्द की जाती हैं।पूर्व सूचना दिए कंपनी को इस तरीके से चलते हुए प्लांट में अचानक से बन्दी नोटिस (क्लोजर) करना गैरकानूनी अवैध है। सूचना दिये बिना कंपनी बंद करना #श्रम_कानूनों का उल्लंघन है कर्मचारियों के साथ #विश्वासघात भी है। मुझे बताइए कौन अब इन कर्मचारियों को #न्याय कौन दिलाएगा?इनके परिवार का क्या होगा? ये छल नहीं तो क्या है? ये शोषण नहीं तो क्या है?
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उत्तराखंड सरकार ध्यान दो
उत्तराखंड में फैक्ट्री लगाकर, अपना फायदा उठाकर, पूंजीपतियों द्वारा मजदूरों का शोषण करके रातों-रात भागकर उत्तराखंड के ही मजदूरों का भविष्य खराब करना , इतना बड़ा अन्याय मजदूरों के साथ हो रहा है और उत्तराखंड सरकार, श्रम विभाग कोई भी कुछ कार्यवाही नहीं कर रहे इसका क्या कारण है
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उत्तराखंड सरकार ध्यान दो
उत्तराखंड में फैक्ट्री लगाकर, अपना फायदा उठाकर, पूंजीपतियों द्वारा मजदूरों का शोषण करके रातों-रात भागकर उत्तराखंड के ही मजदूरों का भविष्य खराब करना , इतना बड़ा अन्याय मजदूरों के साथ हो रहा है और उत्तराखंड सरकार, श्रम विभाग कोई भी कुछ कार्यवाही नहीं कर रहे इसका क्या कारण है
#zydus सितारगंज कंपनी कर्मचारियों को धोखा देकर चोरों की तरह भाग गई है
1200+ कर्मचारी Zydus wellness Products Limited में पिछले 13 वर्षो से कार्य कर रहे हैं, लेकिन अचानक से कंपनी में 17 जून 2022 को शाम 6 बजे कंपनी के मेन गेट के बाहर बंदी नोटिस लगा दिया गया, जो कि उस समय कोई भी कर्मकार वहां पर मौजूद नहीं था, सिवाए कुछ चुनिंदा कंपनी सिक्योरिटी के अलावा, क्योंकि शाम 5:30 बजे सभी कर्मकार अपनी पाली में काम करके घर जा चुके थे, जबकि 17 जून 2022 को ही रात्रि (10:00 बजे) की पाली में कर्मकारों को काम के लिए बुलाया गया था, जबकि बंदी नोटिस में लिखा गया है कि 18 जून 2022 से जाइडस वैलनेस प्रोडक्ट्स लिमिटेड सितारगंज यूनिट बन्द की जाती है, जो कि बिना पूर्व सूचना दिए कंपनी को इस तरीके से चलते हुए प्लांट में अचानक से बन्दी नोटिस (क्लोजर) लगाना गैरकानूनी है। बिना किसी पूर्व नोटिस के अचानक से कंपनी बंद करना न सिर्फ #श्रम_कानूनों का उल्लंघन है बल्कि यहां के कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा #विश्वासघात भी है। मुझे बताइए कौन अब इन कर्मचारियों को #न्याय कौन दिलाएगा?इनके परिवार का क्या होगा? ये धोखा नहीं तो और क्या है? ये शोषण नहीं तो और क्या है?
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Saurabh Jain Manoj Kothari Umesh Parikh Govindarajan Raghavan Abhijeet Sahu Himanshu Pandey Ekta Sarin Phani kumar
Zydus Wellness Zydus Group Pankaj Manish Jha
धामी ने उत्तराखंड में उत्तराखंड का मुख्मंत्री होगा उत्तराखंड के युवा को बेरोजगार करा है खुद श्रम मंत्रालय मुख्यमंत्री धामी जी के पास होकर भी वह उत्तराखंड के श्रमिकों की नहीं सुन के पूंजीपतियों की सुन रहे हैं zydus wellness Sitarganj plant के 1200 श्रमिक धरने पर 114 दिन से हैं मुख्यमंत्री जी कोई नहीं सुनना है क्योंकि वह खुद कंपनी से मिले हुए हैं
(Zydus wellness group )pahle is company ka naam (Heinz India) Tha Ab es company na Zydus wellness pvt sitarganj Hai .Es company ne apne workeras ke sath Dhokha Kiya is company Ne 1200 Shramiku ke pet Mein Laat Maar Di Jiske Karan Aaj UN per roti रोजी-रोटी ka Sankat a gaya hai aur es Zydus wellness company Ne Apna munafa Kama kar रातू-रात Gate mai tala lga or band kar diya or Sabhi 1200 majdur berojgar ho gaye hain. Aisi ghatna Uttrakhand Sarkar Ke Liye bahut nindniy hai or Saramsar krne wali Hai Jiske Karan se1200 majdur berojgar ho gaye .aur yah company koi bhi shram Kanoon ka Palan nahin kar rahi hai Court ke aades ka bhi Palan nahin. Is sthiti Ko Dekhkar Uttrakhand Sarkar Ne nirnay Lena chahie ki use kya karna hai apne Uttrakhand berojgar yuvaou Ke Liye.
धामी ने उत्तराखंड में उत्तराखंड का मुख्मंत्री होगा उत्तराखंड के युवा को बेरोजगार करा है खुद श्रम मंत्रालय मुख्यमंत्री धामी जी के पास होकर भी वह उत्तराखंड के श्रमिकों की नहीं सुन के पूंजीपतियों की सुन रहे हैं zydus wellness Sitarganj plant के 1200 श्रमिक धरने पर 114 दिन से हैं मुख्यमंत्री जी कोई नहीं सुनना है क्योंकि वह खुद कंपनी से मिले