15 दिन के भीतर वन गुज्जरों के घरों की दोबारा काटी बिजली, सौंपा ज्ञापन, अधिकारियों ने दिया भेदभाव न होने का आश्वासन
उत्तराखंड के विद्युत निगम रामनगर द्वारा आमपोखरा रेंज में निवास कर रहे वन गूजरों के 15 दिनों के अंदर दोबारा बिजली काटने का मामला सामने आया है।
इसके पहले बीते 12 अक्टूबर को भी इसकी इलाके की बिजली काट दी गयी थी। लेकिन वन गुज्जर समुदाय ने निगम को आंदोलन की चेतावनी बाहर के ज्ञापन सौंपा था जिसके दो दिनों बाद ही बिजली कनेक्शन दोबारा जोड़ दिया गया था।
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लेकिन आज फिर से विद्युत कनेक्शन काटे जाने के मामले को लेकर वन गुज्जरों में बहुत रोष है। वन गुज्जरों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य अभियंता विद्युत निगम हल्द्वानी तथा वन संरक्षक से मुलाकात कर अपनी समस्यायों का एक ज्ञापन सौंपा है।
प्रतिनिधि मंडल ने प्रभागीय वन अधिकारी तराई पश्चिमी रामनगर तथा विद्युत निगम रामनगर के अधिकारियों पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 व 15 के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि तराई पश्चिमी डिवीजन की आम पोखरा रेंज में हजारों परिवारों को केंद्र सरकार की दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन आवंटित किए गए हैं परंतु विद्युत निगम रामनगर केवल वन गुज्जरों को ही बार बार बिजली कनेक्शन काटने का नोटिस दे रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वन गुज्जरों के वनाधिकार कानून 2006 के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग के समक्ष दावे भी विचाराधीन हैं। वन गुज्जर समुदाय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति से मिली जानकारी के मुताबिक वनाधिकार कानून में कहा गया है कि जब तक दावों का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक किसी भी वनवासी को वन भूमि से हटाया नहीं जा सकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी वर्ष 2019 में वनवासियों को वन भूमि से हटाए जाने पर रोक लगाई हुई है। अतः वन गूजरों के बिजली के कनेक्शन नहीं काटे जाने चाहिए। क्योंकि कनेक्शन काटे जाने की कार्रवाई उन्हें बेदखल किए जाने की कार्रवाई का ही एक हिस्सा है।
वन गुज्जरों का कहना है कि वन संरक्षण अधिकारी दीप चंद्र आर्य तथा मुख्य अभियंता हल्द्वानी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि किसी के साथ भी भेदभाव व अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद शफी, गुलाम रसूल, मोहम्मद फरीद, मोहम्मद आलम,नूर आलम के साथ वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष तरुण जोशी, किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उपरेती वह समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार आदि शामिल थे।
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गौरतलब है कि पिछली बार कुम्भगडार, तुमड़िया खत्ता, नत्थावली खत्ता, नई बस्ती आदि क्षेत्रों में निवास कर रहे वन गुज्जर समुदाय में बिना किसी पूर्व जानकारी के बिजली कटाने का मामला सामने आया है। यहां लगभग 86 परिवारों के घरों की बिजली को काट दिया गया है। जिसके कारण परिवार के बच्चों को पढ़ी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। बहरहाल आंदोनल की चेतावनी के बाद बिजली कनेक्शन को जोड़ दिया गया था।
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