किसानों का समर्थन कर रहे ट्विटर अकाउंट पर लगाई गई रोक
किसान प्रदर्शनों की कवरेज को लेकर कई पत्रकारों और न्यूज पोर्टल्स के खिलाफ FIR के बाद अब कई ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किए गए हैं।
सस्पेंड किए गए अकाउंट्स में द कारवां और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों का आधिकारिक अकाउंट किसान एकता मोर्चा भी शामिल हैं।
द कारवां के एडिटर-इन-चीफ विनोद जोस ने कहा कि उन्हें ट्विटर की तरफ से दिए गए किसी अपडेट की जानकारी नहीं है और वो स्पष्टीकरण के लिए ट्विटर को लिखेंगे।
भारत की सबसे बड़ी पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति के अकाउंट पर भी रोक लगाई गई है।
किसान आंदोलन के आईटी हेड बलजीत सिंह ने कहा कि प्रदर्शन से जुड़े कई और एक्टिविस्ट्स के निजी अकाउंट्स पर भी रोक लगाई गई है।
हाल ही में गणतंत्र दिवस पर हुई किसानों की ट्रेक्टर परेड में एक किसान की मौत पर कथित ‘गलत रिपोर्टिंग’ के लिए कई पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर FIR हुई हैं। इनमें इंडिया टुडे के राजदीप सरदेसाई, द वायर के सिद्धार्थ वरदाराजन और द कारवां के कई पत्रकार शामिल हैं।
किसान प्रदर्शनों की कवरेज को लेकर कई पत्रकारों और न्यूज पोर्टल्स के खिलाफ FIR के बाद अब कई ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किए गए हैं।
सस्पेंड किए गए अकाउंट्स में द कारवां और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों का आधिकारिक अकाउंट किसान एकता मोर्चा भी शामिल हैं।
एक्टर-एक्टिविस्ट सुशांत सिंह और हेट क्राइम ट्रैक्टर मोहम्मद आसिफ खान जैसे कई और व्यक्तिगत अकाउंट्स इस लिस्ट का हिस्सा हैं।
ट्विटर के नियमों के मुताबिक, कोई अकाउंट तभी सस्पेंड किया जा सकता है जब कोर्ट ऑर्डर जैसी कोई वैध कानूनी डिमांड हो। इस समय ये साफ नहीं है कि भारत के किस कोर्ट ने ऐसा ऑर्डर दिया है।
ट्विटर का पक्ष
ट्विटर ने कहा है कि अगर किसी ऑथोराइज्ड एंटिटी से रिक्वेस्ट आती है तो ‘कुछ कंटेंट को एक्सेस करने पर रोक लगाना जरूरी हो जाता है।’
ट्विटर ने कहा, “अभिव्यक्ति की आजादी को बचाने के लिए पारदर्शिता होना जरूरी है, इसलिए कंटेंट पर रोक लगाने के लिए हमारी एक नोटिस पॉलिसी है. इसके लिए रिक्वेस्ट मिलने पर हम प्रभावित अकाउंट होल्डर्स को नोटिफाई करेंगे।
(द क्विंट से साभार)
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