प्रदर्शनकारियों ने लगाई संसद में आग, शिक्षा और स्वास्थ्य बजट में कटौती से भड़का गुस्सा
ग्वाटेमाला में 2021 के बजट को मंजूरी देने के विरोध में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। नाराज प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को संसद भवन में तोड़फोड़ की और एक हिस्से को आग के हवाले कर दिया।
बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के मद में कटौती की गई है, जिसका लोग विरोध कर रहे हैं।
हालांकि उग्र प्रदर्शन के बाद ग्वाटेमाला सरकार ने नये बजट को रोक लिया है। लोगों का कहना है कि ‘लगातार धोखा दिए जाने से जनता थक चुकी है। संसद स्वास्थ्य और शिक्षा के बजट में कटौती कर बड़े कारपोरेट घरानों की झोली भरने में व्यस्त है। अगर कांग्रेस इस महीने नया बजट नहीं पास करती है तो स्थिति और गंभीर होगी।’
अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, ग्वाटेमाला सिटी में शनिवार को करीब 7,000 प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और बजट वापस लेने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सांसदों ने आपसी बातचीत से ही बजट पारित कर दिया, जबकि देश हाल में आए चक्रवाती तूफानों और कोरोना महामारी से जूझ रहा है।
गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के एक हिस्से में आग लगा दी और तोड़फोड़ की।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
गौरतलब है कि बजट में सांसदों ने अपने भोजन का भुगतान करने के लिए धनराशि तो मंजूर की, लेकिन कोरोना मरीजों और मानवाधिकार एजेंसियों के लिए धन में कटौती की है। इसकी वजह से लोग नाराज हैं।
एक ट्विटर यूज़र ने लिखा है कि “जिस देश में पांच साल से कम उम्र के आधे बच्चे कुपोित हैं और बहुत सारे लोग ग़रीबी में रहने को मज़बूर हैं, उस सरकार ने 12.9 अरब डॉलर के बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा के बजट में कटौती कर दी है। इसीलिए लोगों ने कांग्रेस (संसद) को जला दिया। हमें ऐसा राष्ट्रपति नहीं चाहिए।”
समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार, प्रदर्शनकारी ग्वाटेमाला का राष्ट्रीय झंडा हाथों में लिये राष्ट्रपति गियामैट्टेई के इस्तीफे़ की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि राष्ट्रपति तुरंत इस पूंजीपति परस्त बजट को रद्द करें।
दरअसल बुधवार की शाम को आनन फानन में बहुत बड़ी बहुसंख्या से ये बजट संसद में पास किया गया था, जबकि मध्य अमेरिकी राज्यों में इस समय हरिकेन आइवोटा आया हुआ है और उसकी वजह से भारी पैमाने पर जन धन की हानि हुई है।
बजट में 12.9 अरब डॉलर का प्रावधान है। इसमें सार्वजनिक कर्ज की मात्रा बढ़ गई है लेकिन स्वास्थ्य, शिक्षा, मानवाधिकार और न्याय प्रणाली के बजट में भारी कटौती की गई है।
कोरोना वायरस की महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से पहले से जूझ रहे लोगों में इस बात से और गुस्सा भड़क गया है।
रायटर्स ने एक छात्र हरेरा के हवाले से कहा कि ‘कांग्रेस ने अपने लिए अधिक से अधिक बजट आवंटित किया लेकिन ग़रीब लोगों के लिए बजट नहीं है का बहाना बनाया जा रहा है।’
शुरुआत में सारे प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक मुख्य चौराहे पर इकट्ठा हुए, लेकिन कुछ ही देर में पुलिसिया कार्यवाही के ख़िलाफ़ लोगों का गुस्सा भड़क गया और वे संसद की खिड़कियों और दरवाजों में तोड़ फोड़ करने लगे।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, कुछ प्रदर्शनकारियों ने संसद के अंदर आग के गोले फेंक दिए जिससे आग लग गई। आग की लपटें और धुआं दूर से देखा जा सकता है।
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