भीलवाड़ा: पानी, छांव के अभाव में काम करने को मजबूर, 60 साल की महिला नरेगा मजदूर की मौत
राजस्थान में भीलवाड़ा जिले में एक 60 साल की महिला नरेगा मजदूर की काम के दौरान की अचानक तबीयत बिगड़ जाने से 24 जून को मौत हो गई।
Zee Rajasthan की खबर के मुताबिक घटना मांडल थाना क्षेत्र में कस्बे के गोपालद्वारा के पास की है जहां नरेगा के तहत काम चल रहा था।
जानकारी मिलने पर ग्राम विकास अधिकारी व जूनियर क्लर्क, भाग चंद जाट मौके पर पहुंचे जहां से महिला को मांडल चिकित्सालय पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उसे तभी मृत घोषित कर दिया।
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ग्राम विकास अधिकारी कजोड़मल गुर्जर ने बताया कि 24 जून को सुबह सभी मजदूरों के साथ मृतक गुलाबी, पत्नी कन्हैया लाल लौहार, कार्यस्थल पर आई जहां कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई।
पूरे इलाके में नरेगा मजदूरों के लिए गर्मी के कहर को देखते हुए सुबह के समय काम किया जाता है, लेकिन मजदूरों का आरोप है कि उन्हें नरेगा नियमों के तहत आवश्यक सुविधाएं जैसे कि पानी, छांव, आदि मुहैया नहीं कराई गई है। इस वजह से मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
घटना के दिन सुबह भी यही स्थिति बनी हुई थी, जिस कारण गुलाबी की अचानक तबीयत बिगड़ गई और उसे समय पर प्राथमिक उपचार ना मिलने से उसकी मौत हो गई।
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गुलाबी के परिजनों को खबर कर उसके शव को मोर्चरी में रखवाया गया था जहां मेडिकल बोर्ड की मदद से उसका पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर मामले की जांच शुरू की है।
आपको बता दें कि मनरेगा स्थलों पर उचित छाया पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण कई बार भीषण गर्मी के इस मौसम में मनरेगा कर्मियों की तबीयत खराब होने की घटनाएं सामने आती रही हैं।
लेकिन स्थानीय जिम्मेदार विभाग द्वारा अपनी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं लाया जाता, जिसके कारण श्रमिकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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